डोनाल्ड ट्रंप को बताया संघर्ष विराम का नायक, वैश्विक मंच से की अपील
शरीफ ने दावा किया कि भारत-पाक सीमा पर संघर्ष विराम कायम रखने में ट्रंप की अहम भूमिका रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस शांति से व्यापार और निवेश में सहयोग की उम्मीद बढ़ती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब दोनों देशों के संबंध पूरी तरह से ठंडे हैं।
अजरबैजान में भी उठाई थी बातचीत की मांग, भारत का रुख साफ
इससे पहले अजरबैजान में भी शरीफ ने कश्मीर, आतंकवाद और जल बंटवारे जैसे मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की थी, मगर भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि कोई भी वार्ता तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए और बातचीत का दायरा सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर तक सीमित हो।
पाकिस्तान की बेचैनी के पीछे अंतरराष्ट्रीय दबाव ?
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान पर अमेरिका और खाड़ी देशों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ रहा है कि वह भारत से संबंध सामान्य करे। लेकिन भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है-बिना विश्वास बहाली और आतंकवाद पर सख्ती के कोई बातचीत नहीं होगी।
भारत की चुप्पी रणनीतिक, पाकिस्तान का बयान आत्मघाती
कूटनीतिक हलकों का मानना है कि शहबाज शरीफ का ट्रंप को ‘शांति पुरुष’ बताना और भारत से बातचीत की मांग करना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की कूटनीतिक कमजोरी को उजागर करता है। वहीं भारत ने इन बयानों पर कोई प्रतिक्रिया न देकर अपनी ठोस नीति का परिचय दिया है।