संघर्ष विराम की पहल पूरी तरह से सैन्य चैनलों के जरिये हुई: भारतीय सेना
भारत ने यह दावा खारिज करते हुए कहा है कि संघर्ष विराम की पहल पूरी तरह से सैन्य चैनलों के जरिये हुई है। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि 7 मई को पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई सैन्य कार्रवाई के बीच दोनों देशों के DGMO ने प्रत्यक्ष संवाद कर हालात नियंत्रित किए। वहीं विदेशी दावा “हकीकत से परे और राजनीतिक एजेंडा” जैसा है।
भारतीय सेना मैदान में लड़ी है, और वही युद्धविराम की असली बुनियाद
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, “भारतीय सेना मैदान में लड़ी है, और वही युद्धविराम की असली बुनियाद है। ये कोई कॉल-डिप्लोमेसी से नहीं हुआ।” पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने कहा, “अमेरिकी राजनीति में ट्रंप को फिर से प्रासंगिक दिखना है, इसलिए भारत-पाक तनाव का क्रेडिट लेना उनका पुराना तरीका है।”
फॉलोअप एंगल्स: सुलगते सवाल
क्या ट्रंप 2024 अमेरिकी चुनाव को लेकर इंटरनेशनल स्पेस में एक्टिव हो रहे हैं? रूस की भूमिका कितनी वास्तविक है, या यह सिर्फ एक बैक चैनल संतुलन साधना है? भारत ने अब तक किसी तटस्थ मध्यस्थ की जरूरत क्यों नहीं मानी ?
भारत की सैन्य और कूटनीतिक स्थिति अब पहले से अधिक मजबूत
बहरहाल अमेरिका और रूस दोनों ही भारत-पाक तनाव में ‘बिचौलिए’ के रोल की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत की सैन्य और कूटनीतिक स्थिति अब पहले से कहीं मजबूत है। यह घटना बताती है कि वैश्विक स्तर पर भारत अब खुद को ‘मैनेज करने वाला राष्ट्र’ साबित कर रहा है, जो पश्चिम की मध्यस्थता पर निर्भर नहीं।