मेदवेदेव ने ट्रंप द्वारा रूसी अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ बताए जाने पर कहा था कि ट्रंप अमेरिकी फिल्म ‘वॉकिंग डेड’ और रूस का ‘डेड हैंड’ (परमाणु हमले की स्थिति में स्वचालित प्रतिक्रिया) भी याद रखें।
वहीं, ट्रंप के ताजा बयान पर वरिष्ठ रूसी सांसद विक्टर वोडोलात्सकी ने कहा है कि ट्रंप द्वारा भेजी गईं 2 परमाणु पनडुब्बियों को रोकने के लिए रूस के पास समुद्र में पहले ही पर्याप्त पनडुब्बियां हैं। भेजी गईं अमेरिकी पनडुब्बियां पहले ही हमारे निशाने पर है।
वोडोलात्सकी ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि अमेरिका और रूस के बीच एक ठोस समझौता हो, ताकि तीसरे विश्व युद्ध जैसी चर्चाएं बंद हों और पूरी दुनिया शांत हो सके। अमेरिका की पनडुब्बियां हमारे निशाने पर, रूसी सांसद ने दी चेतावनी
किसके पास कितनी परमाणु पनडुब्बियां
- अमेरिका- 14 से अधिक परमाणु पनडुब्बियां
- रूस- 15-20 परमाणु पनडुब्बियां
- चीन- 7 परमाणु पनडुब्बियां
- ब्रिटेन- 4 परमाणु पनडुब्बियां
- फ्रांस- 4 परमाणु पनडुब्बियां
- भारत- 1 अरिहंत पनडुब्बी
परमाणु पनडुब्बियां हैं रणनीतिक रूप से अजेय
द्वितीय- आक्रमण क्षमता (परमाणु प्रतिरोध)- इनका मुख्य उद्देश्य है किसी देश पर परमाणु हथियारों से हमला होने पर प्रतिशोध की गारंटी। चूंकि ये पानी के नीचे छिपी होती हैं। और इनका पता लगाना मुश्किल होता है, इसलिए परमाणु पनडुब्बियां यह सुनिश्चित करती हैं कि वह जवाबी हमला कर सकें, भले ही जमीनी परमाणु क्षमता नष्ट हो चुकी हो।
पारस्परिक विनाश की अवधारणा- परमाणु पनडुब्बियां सुनिश्चित करती हैं कि पलटवार आवश्य होगा। यह परमाणु युद्ध को रोकता है। गुप्त और परिवर्तनशील परमाणु- यह पनडुब्बियां महीनों तक पानी के अंदर अदृश्य रूप से स्थान बदलते रहती हैं। जिससे ये पहले हमले के लिए लगभग अजेय हो जाती हैं।
लंबी दूरी और वैश्विक पहुंच- अमेरिका की ट्राइडेंट टू या रूस की बुलावा जैसी पनडुब्बियां दुनिया में कहीं भी हमला कर सकती हैं।
यूएनएससी: रूस को 8 अगस्त का अल्टीमेटम
ट्रंप की इस प्रतिक्रिया से पूर्व अमरीका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी रूस को कार्रवाई की चेतावनी देते हुए 8 दिन का अल्टीमेटम दे चुका है। वरिष्ठ अमरीकी राजनयिक जॉन केली ने 15 सदस्यीय परिषद को 31 जुलाई को बताया था कि रूस और यूक्रेन दोनों को युद्धविराम और स्थायी शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि यह 8 अगस्त (जिसके लिए अब पांच दिन का समय है) तक हो जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर अमरीका शांति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने को तैयार है।