बिहार चुनाव को लेकर पीएम मोदी ने दे दिया बड़ा संदेश
जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन चार टावरों के नाम भी बहुत सुंदर हैं – कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली। यह भारत की चार प्रमुख नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। ये हमारे प्रतिनिधियों को भी प्रेरणा देंगी। इस दौरान, उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को कोसी नदी के नाम से दिक्कत हो सकती है। वे बिहार चुनाव इसी नाम से देखेंगे। मैं इन छोटे दिल वालों से कहना चाहता हूं कि नदियों के नाम की परंपरा हमें देश की एकता के लिए एक सूत्र में पिरोती है।
नए फ्लैट के लिए सांसदों को दी बधाई
उन्होंने नवनिर्मित आवासीय परिसरों के लिए सांसदों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये आवासीय परिसर जनप्रतिनिधियों के लिए ‘जीवन सुगमता’ प्रदान करेंगे। उन्होंने इन फ्लैटों के निर्माण में शामिल श्रमजीवियों की भी प्रशंसा की और उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन बड़े आवासों का एक आर्थिक पहलू भी है। हाल ही में, कर्तव्य भवन के उद्घाटन के दौरान, मैंने बताया था कि किराए के भवनों में चलने वाले मंत्रालयों का किराया लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होता था। यह देश के पैसे की बर्बादी थी। इसी तरह, सरकारी आवासों की अनुपलब्धता के कारण सरकारी खर्च बढ़ जाता था।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस कमी के बावजूद, 2004 से 2014 तक, लोकसभा सांसदों के लिए एक भी आवासीय भवन नहीं बनाया गया। इसलिए हमने इसे एक अभियान के रूप में अपनाया। 2014 से अब तक, इन फ्लैटों के साथ, सांसदों के लिए लगभग 350 आवास बनाए जा चुके हैं। इससे देश के पैसे की भी बचत होती है।
क्या है फ्लैट की खासियत?
- नए आवासीय परिसर को खास तरह से डिजाइन किया गया है। इसमें वह सारी सुविधाएं हैं, जो एक सांसद के आवासीय और आधिकारिक दोनों आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं।
- फ्लैट को बनाने में जमीन की सीमित उपलब्धता का भी ध्यान रखा गया है। इसके लिए वर्टिकल हाउसिंग पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य कम जमीन को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना और लंबे समय तक मेंटेनेंस की लागत को कम रखना है।
- हर एक फ्लैट में लगभग 5,000 वर्ग फुट का कार्पेट एरिया है। इसमें कार्यालय, कर्मचारियों के आवास और आवासीय उद्देश्यों के लिए समर्पित खंड है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए फ्लैट में बंगले से भी ज्यादा सुविधा और जगह है। यह सरकारी आवास की टॉप कैटगरी में आते हैं।
- भवन परिसर के अंदर एक सामुदायिक केंद्र भी है, जो सांसदों के सामाजिक और आधिकारिक कार्यक्रमों को आयोजित करने के काम आएगा। नई बिल्डिंग को एल्युमीनियम शटरिंग के साथ मोनोलिथिक कंक्रीट का उपयोग करके बनाया गया है।
- सभी इमारतों को ऐसे बनाया गया है ताकि तीव्र भूकंप से भी कोई असर ना हो। यहां रहने वालों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली भी लागू की गई है। इसके अलावा, पूरा परिसर दिव्यांगों के अनुकूल है।