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पाकिस्तान में हाल बदहाल, मानसून बना 116 लोगों की मौत की वजह

Pakistan Heavy Rain: पाकिस्तान में मानसून की वजह से 26 जून से अब तक 116 लोगों की जान गई और 253 लोग घायल हुए हैं।

भारतJul 16, 2025 / 03:35 pm

Devika Chatraj

पाकिस्तान में बाढ़ से 116 लोगों की मौत (IANS)

पाकिस्तान में मानसून की भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने 26 जून से अब तक 116 लोगों की जान ले ली है, जबकि 253 लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 5 और लोगों की मौत हुई, और 41 लोग घायल हुए।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

  • पंजाब: 44 मौतें
  • खैबर पख्तूनख्वा: 37 मौतें
  • सिंध: 18 मौतें
  • बलूचिस्तान: 16 मौतें
  • पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर: 1 मौत, 5 घायल
  • गिलगित-बाल्टिस्तान और इस्लामाबाद: कोई हताहत नहीं

मौसम की चेतावनी

एनडीएमए ने पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में गुरुवार तक भारी बारिश और बाढ़ की आशंका जताई है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने खैबर पख्तूनख्वा में 11 से 17 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान लगाया था, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। मौसम विभाग ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, गुजरांवाला, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, मुल्तान, और पेशावर सहित कई शहरों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

बारिश से होने वाली मौतों के कारण

  1. बिजली का करंट: 26 जून से 14 जुलाई तक सबसे प्रमुख कारण
  2. अचानक बाढ़: बड़े पैमाने पर तबाही
  3. दुखद घटना: जून के अंत में 13 पर्यटकों की नदी में बहने से मौत

सिंध में स्थिति गंभीर

सिंध के थारपारकर, मीरपुर खास, सांघर, सक्खर, लरकाना, दादू, जैकोबाबाद, खैरपुर, और शहीद बेनजीराबाद में 14 से 16 जुलाई तक भारी बारिश और तूफान की चेतावनी है। हैदराबाद में घनी आबादी वाले इलाकों में नालियां कचरे से भरी हैं, और नालियों की दीवारें टूटी या गायब हैं, जिससे स्थानीय लोग चिंतित हैं।

प्रशासन की नाकामी

सिंध सरकार: नालों और सीवर लाइनों की सफाई के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए, जिससे कई इलाके जलमग्न हैं।

स्थानीय निकाय: 10 जुलाई को हैदराबाद नगर निगम सहित विभिन्न निकायों को तैयारी के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 48 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई।

बजट का दुरुपयोग: हर साल नालों की सफाई के नाम पर लाखों रुपए आवंटित होते हैं, लेकिन वास्तव में सफाई नहीं होती और फर्जी बिल बनाए जाते हैं।

राहत और बचाव कार्य

अधिकारियों ने निचले और जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। बचाव और राहत कार्य प्रभावित क्षेत्रों में जारी हैं, लेकिन अपर्याप्त तैयारी के कारण स्थिति नियंत्रण में लाना चुनौतीपूर्ण है।

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