लखवी जेल में था… लेकिन बच्चा कैसे हो गया?”
ओवैसी ने चुभता हुआ सवाल उठाते हुए कहा, “दुनिया में कोई भी देश आतंकवादी को जेल में विशेष सुविधा नहीं देता, लेकिन पाकिस्तान में लखवी जेल में बैठा था और उसी दौरान उसका बेटा पैदा हो गया। क्या यह मुमकिन है बिना सरकार की मिलीभगत के हो सकता है? ” उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में गया, तो “मुकदमा जादू की तरह तेज़ हो गया।”
FATF ग्रे लिस्ट में वापस जाए पाकिस्तान: ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने खुल कर कहा कि अगर पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, तो भारत में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आ सकती है। उनके शब्दों में: “ये अब सिर्फ़ साउथ एशिया का मुद्दा नहीं है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर जवाबदेह बनाना ज़रूरी है।”
“आतंकवाद ज़िंदा रहता है विचारधारा और पैसे पर”
ओवैसी ने आगे कहा कि आतंकवाद दो चीज़ों पर पनपता है -कट्टर विचारधारा और बेहिसाब फंडिंग के कारण। उन्होंने अल्जीरिया के काले दशक की याद दिलाते हुए कहा कि “इस दर्द को अल्जीरिया भी समझता है। आतंकवाद पर हमें एकजुट रहना होगा।”
“जल्द आएंगे पीएम मोदी अल्जीरिया”
भारत-अल्जीरिया रिश्तों पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा- “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही अल्जीरिया आएंगे, और अल्जीरियाई राष्ट्रपति भारत की यात्रा करेंगे। यह दोनों देशों के संबंधों को एक नई ऊंचाई देगा।”
ओवैसी के वार से पाकिस्तान की बचाव में बोलती बंद
जैसे ही असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ नाराजगी की लहर दौड़ गई। भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों, रिटायर्ड अफसरों और बुद्धिजीवियों ने एक सुर में ओवैसी की बात का समर्थन किया और पाकिस्तान से जवाब मांगा:जनरल (रिटा.) एस.के. मलिक ने कहा, “लखवी का जेल में रहते पिता बनना सिर्फ सिस्टम की कमजोरी नहीं, पाकिस्तान की जानबूझ कर की गई सुरक्षा नीति है।”
ओवैसी ने जो कहा है, वो भारत की ही नहीं, पूरी दुनिया की चिंता
साउथ एशिया मामलों के जानकार प्रो. फैयाज अहमद ने कहा,”ओवैसी ने जो कहा है, वो भारत की ही नहीं, पूरी दुनिया की चिंता है। पाकिस्तान को आतंकवाद पर दोहरा रवैया बंद करना होगा।”
फॉलोअप: पाकिस्तान की खामोशी सवालों के घेरे में
ओवैसी के इस सीधे-सीधे आरोप पर अब तक पाकिस्तान की सरकार या ISPR की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस खामोशी ने इन सवालों को और तीखा बना दिया है: क्या पाकिस्तान वाकई आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करता है?
क्या लखवी को जेल में “कंट्रोल्ड फ्रीडम” दी गई थी?
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को अगले FATF सत्र में उठाने की तैयारी कर रहा है। साइड एंगल: लखवी का ‘फैमिली टाइम’ और ISI की भूमिका
लखवी 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, और वह वर्षों तक पाकिस्तान की जेल में रहा —कम से कम कागजों में है, लेकिन असली कहानी कुछ और ही कहती है: सूत्रों के मुताबिक, लखवी को जेल में “वीआईपी ट्रीटमेंट” दिया गया। उसकी सेल में परिवार से मिलने के लिए प्राइवेट टाइम, मोबाइल फोन और बाहर का खाना तक मिलता था। ISI ने उसे “low-profile asset” के तौर पर रखा, और दबाव पड़ने पर पेश किया।
दक्षिण एशिया में नया सुरक्षा विमर्श (Terrorism in South Asia)
बहरहाल यह भाषण सिर्फ एक विरोधी नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में नया सुरक्षा विमर्श है – जहां पाकिस्तान की आतंक-नीति पर सवाल अब खुले मंच से पूछे जा रहे हैं। ओवैसी ने अल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने लखवी के उदाहरण से साबित किया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को जेल में भी विशेष सुविधाएं दी जाती हैं।