हमने ईरानी न्यूक्लियर साइट्स को तबाह कर दिया
वहीं, अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेठ ने कहा कि 22 जून को हमले में अमेरिका सेना ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह कर दिया। हेगसेथ ने कहा कि ईरान पर अमेरिका का हमला ऐतिहासिक रूप से सफल हमला था। हेगसेथ ने उन पत्रकारों को फटकार लगाई जिन्होंने दावा किया था कि अमेरिकी हमले में ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को मामूली नुकसान पहुंचा है। परमाणु स्थलों को गंभीर नुकसान पहुंचा
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि इजरायल के साथ 12 दिन चले युद्ध में ईरान की परमाणु साइटों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। सरकार अब इस नुकसान का काम कर रही है। अरागची ने कहा कि इस नुकसान के मुआवजे की मांग को डिप्लोमैटिक एजेंडे में शामिल किया गया है।
ईरान अब तक परमाणु अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty – NPT) के तहत IAEA से सहयोग करता रहा है। ईरान ने 1970 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। ईरान ने अब इससे बाहर निकलने का फैसला कर लिया है। इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रतिक्रिया दी है। मैक्रों ने कहा कि ईरान का NPT से बाहर निकलना बहुत खराब स्थिति होगी। उन्होंने कहा कि ईरान ने परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले काफी असरदार थे।
कतर ने की थी मध्यस्थता
CNN ने एक राजनयिक के हवाले से बताया है कि ईरान-इजरायल जंग को खत्म करने में कतर की सरकार ने मध्यस्थता की। ईरान ने अमेरिकी सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कतर के अमीर से ईरान के साथ युद्धविराम समझौता कराने की अपील की थी। यह अपील कतर में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर ईरान के जवाबी हमलों के बाद की गई। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद अल थानी को ईरान की तरफ से रजामंदी मिलने के बाद इसके बाद ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर इस सीजफायर का ऐलान किया था। जंग में लगभग 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि 6000 से अधिक लोग घायल हुए।