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अमेरिकी टैरिफ का भारत पर कैसा रहेगा असर, क्या ये सुधार और घरेलू मांग बनेंगे ताकत

India US trade tariff impact: अमेरिका के टैरिफ लगाने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका सीमित असर पड़ेगा।

भारतAug 10, 2025 / 04:35 pm

M I Zahir

India US trade tariff impact

अमेरिकी की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी है। (फोटो: IANS.)

India US trade tariff impact: अमेरिका की ओर से भारत के निर्यात उत्पादों पर ट्रंप टैरिफ (India US trade tariff) बढ़ाने के बाद राजनीतिक और आर्थिक हलकों में बहस तेज हो गई है। हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा (Tuhin Sinha on US tariffs) का मानना है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, बीते बरसों के दौरान हुए रणनीतिक सुधार (India economic reforms)और मजबूत घरेलू मांग के चलते यह टैरिफ भारत की निर्यात नीति (India export policy) व विकास गति पर ज्यादा असर नहीं डाल पाएंगे। सिन्हा ने अपने ताजा लेख में कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने आर्थिक क्षेत्र में कई अहम रणनीतिक सुधार किए हैं। इन सुधारों ने न सिर्फ भारत की जीडीपी को स्थिरता दी है, बल्कि देश को बाहरी दबावों से निपटने की क्षमता भी दी है।

इसलिए रुक गई बातचीत

उनका कहना है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत आपसी लाभ के मकसद से शुरू हुई थी, लेकिन अमेरिका की कुछ “अवास्तविक” और “एकतरफा” मांगों के कारण यह बातचीत रुक गई।

अमेरिकी टैरिफ के पीछे की राजनीति

सिन्हा ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कृषि, दवाओं और टेक्नोलॉजी सर्विसेज को भारत में और ज्यादा बाजार पहुंच देने की मांग की थी। इसके बदले में भारत के स्टील, कपड़ा और एल्युमिनियम जैसे उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा दिया गया, जिससे भारत के निर्यातकों को नुकसान पहुंच सकता है।

सरकार ने कहा, दबाव में कोई ट्रेड डील नहीं करेगी

भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन दबावों का मजबूती से सामना किया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी देश की समयसीमा या दबाव में कोई ट्रेड डील नहीं करेगी और किसानों, डेयरी व कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है।

एसबीआई की रिपोर्ट:अमेरिका के लिए नुकसानदेह

पिछले सप्ताह आई एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई कि भारत के खिलाफ टैरिफ बढ़ाना अमेरिका और उसके उपभोक्ताओं के लिए भी गलत नीति साबित हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को अपने कृषि और घरेलू बाजारों को वैश्विक शिकारी नीतियों से बचाने की जरूरत है, जो बिना निवेश के सिर्फ मुनाफा कमाने के इरादे से भारत के बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं।

भारत के लिए मौका : तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक विस्तार

तुहिन सिन्हा ने यह भी कहा कि यह स्थिति भारत के लिए एक रणनीतिक अवसर है। इससे भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने और दुनिया के अन्य बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने का मौका मिलेगा।

भारत को अपने हित मजबूती से पेश करने की जरूरत

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब भारत को वैश्विक बाजारों में अपने हितों को और मजबूती से पेश करने की जरूरत है, ताकि कोई भी विदेशी नीति देश के विकास में बाधा न बन सके।

चुनौती बन सकती है अवसर

बहरहाल अमेरिका की टैरिफ नीति भले ही एक चुनौती हो, लेकिन भारत की आंतरिक मजबूती, आत्मनिर्भरता की नीति और केंद्र सरकार की स्पष्ट रणनीति इस चुनौती को अवसर में बदल सकती है।

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