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ड्रैगन ने कहा,’भारत-चीन सीमा विवाद सुलझाना मुश्किल, नामुमकिन नहीं,राजनाथ सिंह की बैठक के बाद कही बड़ी बात

India-China Relation: राजनाथ सिंह के चीन दौरे के बाद चीन ने माना कि भारत के साथ सीमा विवाद जटिल है और इसका समाधान होने में समय लगेगा।

भारतJun 30, 2025 / 10:47 pm

M I Zahir

India-China Border Dispute

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री दोंग जून से चिंगदाओ में मुलाकात की। ( फोटो क्रेडिट: IANS)

India-China Relation: भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद (India China Border Dispute) को लेकर एक बार फिर कूटनीतिक बातचीत हुई है। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh China Visit) ने चीन के रक्षा मंत्री दोंग जून से चिंगदाओ में मुलाकात की। दोनों देशों ने सीमाओं पर शांति (LAC Peace Talks) बनाए रखने और बातचीत जारी रखने (India-China Relation) पर सहमति जताई है। सिंह ने बैठक में कहा कि दोनों देशों को सीमाओं पर तनाव कम करने और सीमा निर्धारण से जुड़ी पुरानी व्यवस्थाओं को फिर से सक्रिय करने की ज़रूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस “जटिल मुद्दे” को संगठित रूप से सुलझाने की योजना बनानी चाहिए।

चीन ने दी प्रतिक्रिया: ‘समस्या जटिल, हल निकालने में समय लगेगा’

बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 30 जून को कहा कि “भारत-चीन सीमा विवाद जटिल है और इसे सुलझाने में वक्त लगेगा, लेकिन हम बातचीत और शांति चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे पर विशेष टीमें काम कर रही हैं और राजनीतिक दिशा-निर्देशों पर सहमति भी बनी हुई है।

अब तक 23 बैठकों के बावजूद नहीं निकला समाधान

दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की अब तक 23 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब भी समाधान नहीं निकला है। गौरतलब है कि पिछली बैठक दिसंबर 2024 में अजीत डोभाल और वांग यी के बीच हुई थी। यह बैठक 2020 में पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाद की पहली बड़ी पहल थी।

भारत ने कहा – विश्वास बहाल हो, ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई हो

भारत ने साफ कहा है कि विश्वास की कमी को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अच्छे पड़ोसियों जैसे संबंधों के लिए शांति बनाए रखना ज़रूरी है।

चीन की यह प्रतिक्रिया राजनयिक संतुलन दिखाने की कोशिश

भारतीय विश्लेषकों का कहना है कि चीन की यह प्रतिक्रिया राजनयिक संतुलन दिखाने की कोशिश है, लेकिन जमीनी हकीकत में बदलाव तभी होगा जब PLA पीछे हटे। पूर्व राजनयिकों ने चेताया कि “बातचीत जरूरी है, लेकिन भारत को अपनी सतर्कता कम नहीं करनी चाहिए।”

क्या अब रिश्तों में नया अध्याय शुरू होगा ?

सन 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद यह बैठक भारत-चीन के रिश्तों को दोबारा सामान्य बनाने की दिशा में एक और प्रयास मानी जा रही है। दोनों देशों ने यह स्वीकार किया है कि हालात को बेहतर बनाने के लिए संवाद जारी रखना ज़रूरी है।

चीन के बयान के बाद सुलगते सवाल

क्या LAC पर तनाव घटेगा? अगले कुछ हफ्तों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संयुक्त सैन्य व्यावहारिक पहल देखने को मिल सकती है।

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लोकसभा चुनाव 2029 की तैयारी में सीमा मुद्दा फिर केंद्र में आ सकता है, खासकर लद्दाख और उत्तराखंड में यह अहम मुददा हो सकता है।

भारत और चीन दोनों ही देश सीमा विवाद सुलझाने के लिए गंभीर

बहरहाल भारत और चीन दोनों ही देश सीमा विवाद सुलझाने के लिए गंभीर हैं, लेकिन समाधान तक पहुंचने में समय और निरंतर संवाद की ज़रूरत है। भारत-चीन सीमा विवाद पर चीन का यह बयान कि “समस्या जटिल है और सुलझाने में समय लगेगा” -राजनाथ सिंह की कूटनीतिक पहल की गंभीरता दर्शाता है।

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