रूस के बाद क्या भारत भी देगा तालिबान सरकार को मान्यता? पाकिस्तान की बढ़ सकती है चिंता
रूस की सरकार ने कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दी है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत सरकार भी तालिबान सरकार को मान्यता देगी?
Will India acknowledge Taliban government? (Photo – Patrika Network)
दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में तालिबान (Taliban) का नाम भी शामिल है। अफगानिस्तान (Afghanistan) बेस्ड इस्लामिक आतंकी संगठन तालिबान ने लंबे समय तक अफगानिस्तान और आसपास के इलाकों में आतंक मचाया। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान में तख्तापलट करते हुए सत्ता में वापसी की थी और तभी से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन चल रहा है। अफगानिस्तान में सत्ता में लौटते के बाद तालिबान ने सबकुछ बदल दिया है जिससे देश की जनता मुश्किल हालातों में रहने के लिए मजबूर है। दुनिया के ज़्यादातर देशों ने तालिबान को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है, लेकिन रूस (Russia) ने कुछ महीने पहले ही तालिबान का नाम अपने देश के लिए आतंकी संगठनों की लिस्ट से हटा दिया। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले रूसी सरकार ने तालिबान सरकार को मान्यता भी दे दी है।
◙ तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहले देश बना रूस
तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला रूस पहला देश बन गया है। रूस के अलावा किसी भी अन्य देश ने अब तक तालिबान सरकार को अफगानिस्तान की आधिकारिक सरकार के तौर पर मान्यता नहीं दी है।
◙ रूस के बाद क्या भारत भी देगा तालिबान सरकार को मान्यता?
रूस की तरफ से तालिबान सरकार को मान्यता देने के बाद अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या भारत भी ऐसा करेगा? गौरतलब है कि भारत सरकार और तालिबान सरकार के बीच अच्छे संबंध हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की तरफ से भी आने वाले समय में तालिबान सरकार को मान्यता दी जा सकती है।
◙ पाकिस्तान के खिलाफ भारत को मिला तालिबान का समर्थन
तालिबान सरकार ने समय-समय पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत को ही समर्थन दिया है। तालिबान के खुले तौर पर भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में ज़रूरी कार्रवाई करने के प्रति समर्थन व्यक्त किया था।
◙ पाकिस्तान की बढ़ सकती है चिंता
भारत के तालिबान सरकार को मान्यता देने से पाकिस्तान की चिंता बढ़ सकती है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच पिछले कुछ साल से दुश्मनी चल रही है। तालिबानी लड़ाके समय-समय पर पाकिस्तान से लगती बॉर्डर पर हमले करने से पीछे नहीं हटते। भारत सरकार की तरफ से मान्यता मिलने पर तालिबान सरकार को भारत और रूस जैसे दो बड़े देशों से आधिकारिक तौर पर मान्यता मिलने पर तालिबान का हौसला बढ़ जाएगा, जिससे पाकिस्तान की परेशानी बढ़ सकती है।
◙ खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी दे सकता है पाकिस्तान को गहरा घाव
आतंकी को लंबे समय तक पनाह देने वाला पाकिस्तान अब खुद ही आतंकवाद के दलदल में फंस चुका है। यह बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ही सबसे ज़्यादा आतंकी हमलों के मामले सामने आते हैं। खैबर पख्तूनख्वा की बॉर्डर अफगानिस्तान से लगती है और तालिबान समर्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान – टीटीपी नाम का आतंकी संगठन खैबर पख्तूनख्वा में एक्टिव है। समय-समय पर इस प्रांत में आतंकी हमलों के मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें न सिर्फ सामान्य जनता, बल्कि सेना और पुलिस को भी निशाना बनाया जाता है। अगर तालिबान को भारत की तरफ से मान्यता मिली, तो टीटीपी, खैबर पख्तूनख्वा में हमले बढ़ाकर पाकिस्तान को गहरा घाव दे सकता है।