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परमाणु बम से कैसे मचती है तबाही, बाकी बम से कैसे है अलग? समझिए

Nuclear Bomb Vs Conventional Bomb: परमाणु बम एक अत्यंत विनाशकारी हथियार है जो परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) और परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) जैसे वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित होता है। आइए जानते हैं ये अन्य बम से कैसे ज्यादा खतरनाक है।

भारतJun 23, 2025 / 10:01 am

Devika Chatraj

परमाणु बम कैसे खतरनाक (ANI)

परमाणु बम, जिसे न्यूक्लियर बम भी कहा जाता है, मानव इतिहास का सबसे विनाशकारी हथियार है। इसकी तबाही की ताकत और प्रभाव सामान्य बमों से कई गुना अधिक होते हैं। इस लेख में हम परमाणु बम के कार्य सिद्धांत, इसके प्रभाव, तबाही के प्रकार, और अन्य पारंपरिक बमों से इसके अंतर को विस्तार से समझेंगे।

परमाणु बम क्या है?

परमाणु बम एक ऐसा विस्फोटक हथियार है जो परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) या परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया से ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह ऊर्जा इतनी प्रचंड होती है कि एक ही विस्फोट में लाखों लोगों की जान ले सकती है और पूरे शहर को तबाह कर सकती है।

विखंडन बम (Fission Bomb): यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 जैसे रेडियोधर्मी पदार्थों के परमाणुओं को तोड़कर ऊर्जा उत्पन्न होती है। हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम इसी प्रकार के थे।

हाइड्रोजन बम (Fusion Bomb): हाइड्रोजन के आइसोटोप्स (ड्यूटेरियम और ट्रिटियम) को आपस में जोड़कर सूर्य की तरह ऊर्जा पैदा की जाती है। यह विखंडन बम से भी अधिक शक्तिशाली होता है।

परमाणु बम कैसे काम करता है?

विस्फोट की शुरुआत: बम के अंदर एक रासायनिक विस्फोटक रेडियोधर्मी पदार्थ (जैसे यूरेनियम या प्लूटोनियम) को संपीड़ित करता है, जिससे एक “महत्वपूर्ण द्रव्यमान” (Critical Mass) बनता है।

शृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction): परमाणु विखंडन शुरू होता है, जिसमें एक परमाणु के टूटने से न्यूट्रॉन निकलते हैं, जो अन्य परमाणुओं को तोड़ते हैं। यह प्रक्रिया कुछ ही माइक्रोसेकंड में लाखों गुना बढ़ जाती है।
ऊर्जा का विमोचन: इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा (गर्मी, प्रकाश, और विकिरण) निकलती है, जो विस्फोट का कारण बनती है।

परमाणु बम से होने वाली तबाही

विस्फोट का तात्कालिक प्रभाव (Blast Effect)
वायु दाब और झटका:
परमाणु विस्फोट से उत्पन्न होने वाली शक्तिशाली वायु तरंगें (Shockwaves) इमारतों, पुलों, और अन्य ढांचों को मिट्टी में मिला देती हैं।
हिरोशिमा का उदाहरण: 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए बम (लिटिल बॉय) ने 5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पूरी तरह नष्ट कर दिया।

प्रभाव: यह प्रभाव विस्फोट के केंद्र (Ground Zero) से कई किलोमीटर तक फैलता है, जिससे तुरंत लाखों लोग मारे जा सकते हैं।
थर्मल रेडिएशन (Thermal Radiation)
प्रचंड गर्मी:
विस्फोट से निकलने वाली गर्मी (लाखों डिग्री सेल्सियस) त्वचा को पिघला देती है और आग का तूफान पैदा करती है।

प्रभाव: लोग जलकर मर जाते हैं, और आग से जंगल, घर, और अन्य सामग्री जलकर राख हो जाती है। हिरोशिमा में कई लोग इस गर्मी से तुरंत भस्म हो गए थे।
रेडियोधर्मी विकिरण (Nuclear Radiation)
प्रारंभिक विकिरण:
विस्फोट के तुरंत बाद गामा किरणें और न्यूट्रॉन निकलते हैं, जो जीवित प्राणियों के लिए घातक होते हैं।

रेडियोधर्मी फॉलआउट (Fallout): विस्फोट के बाद रेडियोधर्मी कण हवा में फैलकर मिट्टी, पानी, और फसलों को दूषित कर देते हैं।
प्रभाव: यह कैंसर, आनुवंशिक विकार, और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है। नागासाकी में कई लोग बाद में रेडियोधर्मिता से मरे।

परमाणु बम और पारंपरिक बम में अंतर

परमाणु बम और सामान्य बम (जैसे TNT, डायनामाइट, या मिसाइल) में कई बुनियादी अंतर हैं:
परमाणु बम और पारंपरिक बम में अंतर

परमाणु बम की तबाही के दीर्घकालिक प्रभाव

पर्यावरणीय विनाश: रेडियोधर्मी फॉलआउट से मिट्टी और पानी दूषित हो जाते हैं, जिससे खेती और पेयजल प्रभावित होता है।

स्वास्थ्य समस्याएं: विकिरण से कैंसर, ल्यूकेमिया, और जन्मजात विकृतियां बढ़ती हैं।
आर्थिक नुकसान: शहरों के पुनर्निर्माण में अरबों डॉलर खर्च होते हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव: बचे हुए लोग (Hibakusha) जीवनभर मानसिक आघात से गुजरते हैं।

इतिहास में परमाणु बम का उपयोग

हिरोशिमा (6 अगस्त 1945): “लिटिल बॉय” बम से करीब 1,40,000 लोग मारे गए।
नागासाकी (9 अगस्त 1945): “फैट मैन” बम से लगभग 74,000 लोग मारे गए।

ये एकमात्र मौके थे जब युद्ध में परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ।

परमाणु बम से बचाव कैसे संभव है?

तत्काल बचाव: विस्फोट के समय मजबूत आश्रय (जैसे बंकर) में छिपें।
विकिरण से बचाव: रेडियोधर्मी फॉलआउट से बचने के लिए कुछ दिनों तक घर के अंदर रहें।

जागरूकता: सरकार और वैज्ञानिक संगठनों की चेतावनियों का पालन करें।

परमाणु बम की तबाही सामान्य बमों से कहीं अधिक भयावह होती है, क्योंकि यह न केवल तात्कालिक विनाश करता है, बल्कि दीर्घकालिक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा करता है। इसका रेडियोधर्मी प्रभाव पीढ़ियों तक रहता है। यही कारण है कि विश्व समुदाय परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए संधियां (जैसे NPT) और कूटनीतिक प्रयास करता है। परमाणु बम की शक्ति को समझना और इसके उपयोग से बचना मानवता के लिए जरूरी है।

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