◙ यूनुस का होगा ‘गेम ओवर’?
यूनुस सरकार की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही हैं। यूनुस और बांग्लादेशी सेना में तकरार जगजाहिर है। यूनुस ने अब तक बांग्लादेश में चुनाव नहीं कराए हैं, जिससे सेना ने उनकी अंतरिम सरकार को अवैध करार दिया है। इससे यूनुस बौखलाए हुए हैं और इस्तीफा देने पर भी विचार कर रहे हैं। ऐसे में जल्द ही यूनुस का ‘गेम ओवर’ (Game Over) हो सकता है।
◙ ढाका में बढ़ी सेना की तैनाती
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंसक प्रदर्शन फिर भड़क उठे हैं। स्थिति को देखते हुए बांग्लादेशी सेना ने ढाका में तैनाती बढ़ा दी है। यूनुस के समर्थन में जो छात्र नेता हैं, वो देश में फिर दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे यूनुस सत्ता में बने रहे। ऐसे में अगर स्थिति बिगड़ी, तो सेना ढाका पर कब्ज़ा कर सकती है।
◙ तख्तापलट की संभावना हुई और मज़बूत
बांग्लादेशी सेना चाहती है कि देश में सही तरीके से चुनाव हो, जिससे संविधान के अनुसार बनी सरकार को सत्ता मिल सके और देश की स्थिति में सुधार हो। बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी) की भी जल्द से जल्द देश में चुनाव कराने की मांग है। दूसरी तरफ एनसीपी (नेशनल सिटीजन पार्टी) के छात्र नेता युवाओं और इस्लामिक कट्टरपंथियों को दंगे भड़काने के लिए उकसा रहे हैं। यूनुस को सत्ता पर काबिज़ रखने के लिए एनसीपी और बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी एक साथ हैं। ऐसे में चुनाव न कराना, सेना के कामों में दखल देना और बांग्लादेश में स्थिति खराब करने की कोशिश की वजह से यूनुस पर खतरे की तलवार लटक रही है और तख्तापलट की संभावना और मज़बूत हो गई है।
◙ अगर तख्तापलट हुआ तो क्या होगा यूनुस का हाल?
मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि अगर बांग्लादेश में सेना तख्तापलट करती है, तो यूनुस का क्या हाल होगा? अक्सर ही तख्तापलट की स्थिति में सत्ता पर काबिज़ व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है। ऐसे में इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि यूनुस को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता छोड़कर देश में रहने या देश छोड़ने का विकल्प भी दिया जा सकता है।
◙ तख्तापलट की स्थिति में कौन संभालेगा देश की सत्ता?
अगर बांग्लादेश में तख्तापलट होता है, तो अगले चुनाव तक सेना प्रमुख वकार उज जमां देश की सत्ता संभाल सकते हैं। तख्तापलट की स्थिति में अगले चुनाव तक देश में आपातकाल की घोषणा करके राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कुछ लोग इस बात की भी उम्मीद जता रहे हैं कि यूनुस के सत्ता से हटने के बाद एक बार फिर शेख हसीना की वापसी हो सकती है। हालांकि इस बात की संभावना कम ही है।