साजिद मीर के मामले में पाकिस्तान कर रहा दुनिया को गुमराह
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव मिस्त्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से ही दुनिया को गुमराह करता आया है और इसके लिए उन्होंने एक उदाहरण भी दिया। मिस्त्री ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के खूंखार आतंकी साजिद मीर (Sajid Mir) का ज़िक्र किया, जिसके विषय पर पाकिस्तान कई सालों से पूरी दुनिया को बरगला रहा है। साजिद को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में इंटरनेशनल प्रेशर के चलते पाकिस्तान को घोषित करना पड़ा कि साजिद ज़िंदा है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
अमेरिका भी नहीं बना पाया इस पाकिस्तानी आतंकी की सही कुंडली
साजिद एक ऐसा पाकिस्तानी आतंकी है, जो भारत के साथ ही अमेरिका (United States Of America) में भी मोस्ट वॉन्टेड है। हालांकि तमाम खुफिया एजेंसियों के होने के बावजूद अमेरिका भी अब तक साजिद की सही कुंडली नहीं बना पाया है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि इसकी क्या वजह है? दरअसल अमेरिका को भी नहीं पता कि साजिद का जन्म कब हुआ? साजिद की वास्तविक जन्मतिथि अभी भी एक गुत्थी बनी हुई है, जिसे अमेरका भी नहीं सुलझा पाया है। इसी वजह से इंटरनेट और डेटाबेस में साजिद को दो अलग-अलग जन्मतिथियाँ 31 जनवरी, 1976 और 1 जनवरी, 1978 हैं, जिनमें से कौनसी सही है, इस बारे में अमेरिका की कोई एजेंसी नहीं जानती। इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि साजिद की वास्तविक जन्मतिथि इन दोनों के अलावा कुछ और है।
कौन है साजिद?
साजिद, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मुख्य मास्टरमाइंड्स में से एक था। पाकिस्तान ने उसे मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में इंटरनेशनल प्रेशर के चलते उसे जीवित घोषित करना पड़ा और यह भी बताना पड़ा कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि उसे सच में गिरफ्तार नहीं किया गया था। पाकिस्तान ने ऐसा इसलिए किया जिससे दिखा सकें कि वो एक खूंखार आतंकी के खिलाफ वही कार्रवाई कर रहे हैं जिसकी उम्मीद वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) पाकिस्तान से कर रही थी। यह संस्था दुनियाभर में आतंकवाद को फंडिंग देने वाले देशों और संस्थाओं पर निगरानी रखती है। पाकिस्तान उस समय FATF के साथ बातचीत कर रहा था ताकि अंतर्राष्ट्रीय धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में विफल रहने के कारण बढ़ी हुई निगरानी के तहत न्यायालयों की ग्रे सूची वाले देशों से बाहर निकल सके। FATF ने अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को इस सूची से हटा दिया। कहाँ है साजिद?
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि साजिद पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। साजिद को गिरफ्तार किया जा सके, इसके लिए अमेरिकी न्याय विभाग ने उसकी सूचना देने वाले के को 55 मिलियन डॉलर्स तक का इनाम देने की घोषणा कर रखी है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के अलावा साजिद कई आतंकी साजिशों का अहम हिस्सा रहा है