ट्रंप ने समिट के बाद की थी जेलेंस्की से बाद
अलास्का समिट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने पुतिन संग बातचीत का ब्यौरा दिया था। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन बिना संवैधानिक बदलाव के अपनी जमीन नहीं छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि डोनेट्स्क के प्रमुख शहरों जैसे स्लोवियान्स्क और क्रामाटोर्स्क रणनीतिक रूप से संवेदनशील हैं, जो रूस के आगे बढ़ने को रोकते हैं। उन्होंने यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर भी जोर दिया, ताकि भविष्य में रूस उस पर कोई भी आक्रमण न करे। जेलेंस्की ने कहा कि हम यूक्रेन के लिए एक स्थायी शांति चाहते हैं, न कि रूसी आक्रमण के बीच एक और ठहराव। वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन को रूस के साथ शांति समझौते पर सहमत होना चाहिए। रूस एक बड़ा सैन्य शक्ति है। यूक्रेन उसके सामने कुछ भी नहीं है।
डोनेटस्क रीजन पर रूस का कब्जा
दरअसल, डोनेटस्क रीजन में 2014 से काफी हद तक रूस के नियंत्रण में है। साल 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद रूस का यूक्रेन की 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा है। रूस का डोनेट्स्क प्रांत पर पूरी तरह से नियंत्रण हैं। माना जाता है कि यूक्रेन के इस इलाके में रूसी मूल के लोगों की आबादी बहुतायत में है। ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन इस बात पर सहमत हैं कि किसी भी शांति समझौते को बिना पूर्व युद्धविराम के आगे बढ़ना चाहिए, जो यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों की लंबे समय से मांग है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि सभी ने तय किया कि रूस और यूक्रेन के बीच भयावह युद्ध को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका एक शांति समझौता है, न कि महज युद्धविराम, जो अक्सर टिकता नहीं है। बताया जा रहा है कि जेलेंस्की सोमवार यानी 18 अगस्त को वाशिंगटन पहुंच सकते हैं। इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप के अन्य नेताओं को भी बुलावा भेजा है। यूरोपीय नेताओं ने आगामी वार्ता के लिए समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन को दोहराया है। उन्होंने रूस पर प्रतिबंधों को और सख्त करने की योजना का भी संकेत दिया है।