Ring of Fire बेल्ट में आते हैं 80% सबसे तेज भूकंप, यहां 9.5 की तीव्रता के लग चुके हैं झटके, 8.8 मेग्नीट्यूड पर भी कोई क्यों नहीं हुआ हताहत?
Ring of Fire में पड़ने वाले रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता के भूकंप आने के बावजूद एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई जबकि नेपाल में 7.6 तीव्रता के भूकंप ने 15 हजार से ज्यादा लोगों की ले ली थी जान। आइए समझते हैं।
रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में दुनिया के सबसे तेज भूकंप के झटके आते हैं। (फोटो: Patrika)
Ring Of Fire know for Volcanoes and Earthquake: रूस की राजधानी मास्को से 6500 किलोमीटर सुदूर पूर्व कामचटका प्रायद्वीप (Earthquake in Kamchatka Peninsula) ने में 8.8 तीव्रता का भूकंप बुधवार (Russia 8.8 Magnitude earthquake) को आया। यह रूस में अब तक आ चुके सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक था। रूस में आया भूकंप दुनिया में आए सबसे अधिक तीव्रता वाले भूकंपों में से छठा सबसे अधिक तेज भूकंप था। इसके चलते सुनामी (Tsunami) भी उत्पन्न हुई और इसका असर उत्तरी प्रशांत महासागर (Northern Pacific Ocean) के दोनों ओर के कई तटीय देशों को प्रभावित किया। इसका केंद्र प्रशांत महासागर के परिक्षेत्र में स्थित भूकंपीय पट्टी पर स्थित है और इसे आमतौर पर ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring Of Fire) के नाम से जाना जाता है। यह पृथ्वी पर सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय पट्टी है, जहाँ पृथ्वी के 80% सबसे बड़े भूकंप आते हैं।
Pacific ring of Fire: कामचटका प्रायद्वीप प्रशांत महासागर के भूकंपीय क्षेत्र पर स्थित है, जिसे “रिंग ऑफ फायर” के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां पृथ्वी पर सबसे अधिक भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। यह भूकंपीय रूप से सक्रिय पट्टी लगभग पूरे प्रशांत महासागर को घेरे हुए है। इसके पूर्वी भाग में अमेरिका का पश्चिमी तट है और पश्चिमी भाग में सुदूर पूर्व और ओशिनिया स्थित है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, चिली, पेरू, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, जापान और रूस जैसे देशों को छूती है।
सुनामी के चलते समुद्र में 5 फीट ऊंची लहरें देखी गईं
भूकंप के चलते आई सुनामी ने कामचटका प्रायद्वीप और कुछ अन्य स्थानों पर समुद्र में 3-4 मीटर ऊंची लहरें पैदा कीं। वहीं हवाई आइलैंड में लगभग पांच फीट और जापान में लगभग दो फीट ऊंची लहरें समुद्र में दर्ज की गईं। इस भूकंप के चलते आई सुनामी के चलते कई जगहों पर बाढ़ के हालात भी पैदा हो गए।
चिली में 9.5 तीव्रता का आया था सबसे तेज भूकंप
Strongest earthquake came in 1960 in Chile : संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, घरती के सबसे बड़े भूकंपों में से 80% से ज़्यादा रिंग ऑफ़ फायर बेल्ट में ही आते हैं। वर्ष 1960 में चिली में 9.5 तीव्रता का सबसे बड़ा भूकंप आया था। चिली भी रिंग ऑफ़ फायर क्षेत्र में ही आता है। इसी क्षेत्र के अलास्का में वर्ष 1964 में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया था। यूएसजीएस के अनुसार, उत्तर में कामचटका प्रायद्वीप से लेकर दक्षिण में उत्तरी जापान तक, और रूस के ज्वालामुखी-सक्रिय कुरील द्वीप समूह सहित, लगभग 2,000 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में 1900 से अब तक 7 से अधिक तीव्रता वाले 130 से ज़्यादा भूकंप आ चुके हैं। 1952 में, इस क्षेत्र में 9 तीव्रता का भूकंप भी दर्ज किया गया था।
क्यों आते हैं इस क्षेत्र में सबसे तेज भूकंप के झटके?
प्रशांत महासागर के आसपास की भूकंपीय पट्टी में कई अवक्षेपण प्रक्रियाएं होती रहती हैं और जिसके चलते प्रशांत टेक्टोनिक प्लेट महाद्वीपीय भूमि से टकराती है। टेक्टोनिक प्लेट का आशय पृथ्वी की पपड़ी के एक बड़ा भाग से है। टेक्टोनिक प्लेट दूसरी टेक्टोनिक प्लेट पर दबाव डालती है। आमतौर पर भारी या सघन प्लेट, हल्की प्लेट के नीचे चली जाती है। लेकिन इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप विकृतियां उत्पन्न होती हैं और प्लेट की सीमाओं पर भारी दबाव उत्पन्न होता है। यही दबाव भूकंप के रूप में मुक्त होता है।
हिमालयी इलाके दुनिया में सबसे अधिक भूकंप प्रवण
हिमालय पर्वत का निर्माण भारतीय प्लेट द्वारा यूरेशियन प्लेट पर दबाव डालने के परिणामस्वरूप हुए अवतलन के कारण हुआ था। यही कारण है कि हिमालयी क्षेत्र दुनिया के सबसे अधिक भूकंप प्रवण क्षेत्रों में से एक है।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में आने वाले भूकंप क्यों होते हैं घातक?
Why no one killed in Kamchatka Earthquake? सामान्य तौर पर सबसे अधिक तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र समंद्र के नीचे होता है और इस वजह से उसका नुकसान कम दिखाई पड़ता है। वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाकों में आने वाली भूकंप की तीव्रता कम होने के बावजूद अधिक आबादी के चलते घातक साबित होती है। कामचटका क्षेत्र में जनसंख्या का घनत्व 0.62 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है इसलिए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बावजूद कोई हताहत नहीं हुआ जबकि वर्ष 2015 में नेपाल में 7.6 की तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचा दी थी। नेपाल के भूकंप में 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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