विदिशा में खरीफ व रबी की वर्ष 2023-24 और 2024-25 की बोवनी के दौरान कृषि विभाग की ओर से खाद, बीज व कीटनाशक दवाओं का नमूना एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया था। जांच में खाद के 43, बीज के 23 व दवाओं 26 नमूने अमानक (गुणवत्ताविहीन) पाए गए हैं।
अमानक पाए गए खाद, बीज व कीटनाशक दवाएं
अधिकारियों के अनुसार अमानक पाए गए खाद, बीज व कीटनाशक दवाएं मध्यप्रदेश के अलावा हैदराबाद, तेलंगाना व हरियाणा की कंपनियों ने यहां के निजी विक्रेताओं व बीज निगम को मुहैया कराया है। कृषि विभाग की ओर से यह जानकारी कृषि विभाग मध्य प्रदेश शासन को भेज दी गई है। वहां से छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक इस मामले में कोई जवाब नहीं आया है। कृषि विभाग के उपसंचालक केएस खपेडिय़ा का कहना है कि उनकी ओर से स्थानीय स्तर के विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई है, लेकिन कंपनियों के मामले में निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना है। बता दें कि अमानक उत्पाद उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की सूची में कई नामी कंपनियां भी शामिल हैं। हैदराबाद व तेलंगाना सहित कई दूसरे राज्यों की इन कंपनियों ने न केवल विदिशा में बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी खाद, बीज व कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति की है।
सख्त नियम बनाने की बात कह रहे केंद्रीय मंत्री
कंपनियों की ओर से अमानक उत्पादों को लेकर शासन स्तर से भले ही अभी कोई जवाब नहीं मिला है, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अमानक दवाएं बेचने वाली कंपनियों के लिए नए सख्त नियम बनाने की बात कह चुके हैं। उन्होंने 12 जुलाई को यहां दिशा की बैठक के बाद यह बात कही थी हालांकि कृषि विभाग को अभी कोई नए निर्देश नहीं मिले हैं। इधर अमानक दवाएं किसानों तक पहुंचने के मामले सामने आ चुके हैं। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई भी हुई है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस सीजन में भी उन कंपनियों के उत्पादन बाजार में हैं, जिनके खाद, बीज व दवाएं पूर्व में अमानक मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से प्रतिबंध लगा पाना संभव नहीं है क्योंकि कंपनियों के उत्पाद को लेकर शासन से कोई आदेश-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। उप संचालक केएस खपेडिय़ा का यह भी कहना है कि संदेह के आधार पर तीनों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।