अनीता यादव एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और अपने बेटे की नौकरी पुलिस विभाग में लगाने के लिए वाराणसी के पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दीपक राणावत को 16 लाख रूपये दिए. ये पैसे मैंने मथुरा बस स्टैंड के सामने एक होटल में दिए। 2024 के अगस्त लास्ट से सितंबर के पहले हफ्ते के बीच दो बार में आठ-आठ लाख रूपये दिए। पैसा लेने संदीप नाम का आदमी आया दीपक के कहने पर मैंने ये रुपए संदीप को दिए।
दीपक राणावत ने संदीप का परिचय लोक सेवा आयोग में कार्यरत कर्मचारी के रूप में दिया। दीपक राणावत ने मुझसे कहा कि आयोग से निकलने वाली भर्तियों में नौकरी ये ही दिलाते हैं। जबकि पुलिस विभाग में नौकरी मैं दिलाता हूं।पुलिस विभाग में कई प्रकार का कोटा है और किसी न किसी कोटा में आपके बेटे की नौकरी लगवा दूंगा।अगर पुलिस विभाग में नौकरी नहीं लगी तो संदीप किसी दूसरे विभाग में नौकरी लगवा देगा। महिला ने कहा कि मेरे बेटे की न तो नौकरी लगी और न ही अब दीपक राणावत पैसे दे रहा है। कई बार फोन लगाने के बाद भी बात नहीं हुई तो मंगलवार को मैं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से मिली और पूरे मामले की जानकारी दी।पुलिस कमिश्नर ने मुझे भरोसा दिया है कि इस मामले में वो जांच कराएंगे और न्याय होगा।
पीड़ित अनिता देवी ने बताया कि 5 प्रतिशत ब्याज पर 16 लाख कर्ज ले कर मैने नौकरी के लिए पैसे दिए परंतु न ही नौकरी मिली न ही पैसा। कर्ज देने वाले रोज आ कर मुझे परेशान कर रहे। मैं विधवा महिला इतना पैसा कहां से ले आऊं??? उन्होंने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से बात की तो उन्होंने कहा कि महिला मेरे पास शिकायत लेकर आई थी उसकी शिकायत पर मैंने जांच एडीसीपी क्राइम को सौंप दी है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। संदीप नाम का शख्स कौन है इसकी भी जांच कराएंगे। फिलहाल पीआरओ अपने पद पर बने हुए हैं।