घटना
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि 15 मई 2025 को जनपद कौशांबी के थाना कोखराज क्षेत्र में ट्रक चालक सांबरलाल की हत्या कर ट्रेलर से लदा ₹3.80 करोड़ कीमत का कॉपर लूट लिया गया था। यह घटना उस समय हुई जब कॉपर लदा ट्रेलर (RJ-07GC-0334) प्रयागराज की ओर जा रहा था और उसे एक इर्टिंगा कार (UP-62 TT-2809) से पीछा किया गया। पुलिया के पास मोड़ तिराहा के आगे कार सवार लुटेरों ने ट्रेलर को रोककर चालक को गोली मार दी और उसे मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अपराधियों ने ट्रेलर को अपने कब्जे में लेकर सुनसान स्थान पर जाकर चालक के शव को सड़क किनारे फेंक दिया। वारदात के बाद आरोपी ट्रेलर को कानपुर की ओर ले गए।
सुनियोजित साजिश
पूछताछ में पता चला कि यह लूटपाट एक सुनियोजित योजना के तहत की गई थी। कार्तिक राजभर, उसका साथी संतोष राजभर उर्फ राजू (जो अब मुठभेड़ में मारा जा चुका है) और रंजीत राजभर ने मिलकर यह योजना बनाई थी। इन लोगों ने पहले ही कानपुर के कुछ व्यापारियों मोठ अकरम, शकील अहमद, अमित कुमार, आफताब—से संपर्क किया था, जो आधे दाम पर कॉपर खरीदने को तैयार थे। लूट की योजना के अनुसार, अपराधियों ने कानपुर-प्रयागराज मार्ग पर ट्रकों की मूवमेंट की रेकी भी की थी। 15 मई को वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों लुटेरे लूटे गए ट्रेलर को एक सुनसान स्थान पर ले जाकर छिपा दिए और कॉपर को बेचने की तैयारी शुरू कर दी।
मुठभेड़ में एक आरोपी ढेर
17 मई 2025 को लूटे गए कॉपर की खरीद-फरोख्त के लिए व्यापारी संतोष राजभर के पास पहुंचे, लेकिन पुलिस को भनक लग गई। उसी दौरान पुलिस ने छापा मारकर संतोष को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद जब पुलिस उसे घटना में प्रयुक्त अवैध हथियार की बरामदगी के लिए कोखराज ले जा रही थी, तभी उसने साड़ी में छुपाए गए हथियार से पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से वह घायल हो गया और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ की खबर मिलते ही कार्तिक राजभर फरार होकर पंजाब के पटियाला में जाकर छिप गया और नाम बदलकर छद्म पहचान के साथ रहने लगा।
सूचना के बाद गिरफ्तारी
एसटीएफ वाराणसी इकाई के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम को विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली कि कार्तिक राजभर पटियाला के एसएसटी नगर क्षेत्र में रह रहा है। टीम ने तत्काल वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास
कार्तिक राजभर का अपराधिक इतिहास लंबा है। जौनपुर जनपद के कई थानों में उस पर दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं:
- थाना पारा – मुकदमा संख्या 693/17, धारा 352/504/506 आईपीसी, वन अधिनियम 4/10
- थाना खुटहन – 1619/17, धारा 411/414/419/420/467/408/421 आईपीसी
- थाना खेतासराय – 1282/17, धारा 379/411 आईपीसी
- थाना सिकरारा – 1837/17, धारा 379/411/419/420/467/468/471 आईपीसी
- थाना सुटहान – 195/24, धारा 379/411 आईपीसी
- थाना काशेव राज – 323/24, धारा 309(4)/103(1) बीएनएस (नया आपराधिक कानून)
गिरफ्तारी के बाद उसे थाना कोखराज, जनपद कौशांबी में दर्ज मुकदमा संख्या 208/2025, धारा 309(4)/103(1) बीएनएस में विधिवत दाखिल किया गया है। आगे की जांच और विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है।
एसटीएफ की सतर्कता
इस मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ की सक्रियता और सूचनाओं के आधार पर की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। फरार और घोषित इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए एसटीएफ लगातार खुफिया तंत्र को सक्रिय बनाए हुए है और समय-समय पर बड़ी सफलता अर्जित कर रही है।