काशी से प्रसाद के रूप में किसानों को सौगात
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में होना, सावन का महीना और देश के किसानों से जुड़ना ,यह एक आध्यात्मिक व भावनात्मक क्षण है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के माध्यम से अब तक केंद्र सरकार द्वारा किसानों को कुल 3.04 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि देश के किसानों के प्रति केंद्र सरकार की श्रद्धा और सेवा भावना का प्रतीक है।”
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र, वीरता को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में हाल ही में सफल हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी उल्लेख किया, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का माकूल जवाब दिया था। उन्होंने कहा, “मेरी बेटियों के सिंदूर का जो वचन मैंने दिया था, वह महादेव की कृपा से पूरा हुआ है।” प्रधानमंत्री ने इस सफलता को बाबा विश्वनाथ के चरणों में समर्पित किया और इसे ‘भारत की नई सोच और नीति’ का उदाहरण बताया।52 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वाराणसी में ₹2,200 करोड़ की 52 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इन परियोजनाओं में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास, जल आपूर्ति और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। विशेष रूप से उल्लेखनीय है दालमंडी प्रोजेक्ट, जो काशी विश्वनाथ धाम को एक और सुगम मार्ग से जोड़ेगा और तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को और आसान बनाएगा।सभा में भारी जनसमूह, बारिश में भी डटे रहे लोग
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सभा से ठीक पहले भारी बारिश शुरू हो गई, लेकिन इससे उत्साह में कोई कमी नहीं आई। हजारों किसान, छात्र और स्थानीय नागरिक भीगते हुए भी अपने नेता को सुनने के लिए डटे रहे। जनसभा स्थल पर 50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी।काले कपड़ों पर सख्ती, विपक्षी नेताओं को रोका गया
सुरक्षा के लिहाज से काले कपड़े पहनकर आए कई लोगों को सभा स्थल में प्रवेश से रोका गया। विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने आरोप लगाए कि उन्हें नजरबंद किया गया या घरों में नजरबंदी में रखा गया। सपा नेता अजय फौजी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने घर से उठाकर थाने में बैठा दिया।मुख्यमंत्री योगी ने दी प्रधानमंत्री का स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा स्थल पर प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया और कहा, “ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री का यह पहला काशी आगमन है, और यह भारत के नए संकल्प और रणनीतिक मजबूती का प्रतीक है।”उन्होंने बताया कि कैसे राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचा रही है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना- एक नजर में
- शुरुआत: 2019 में
- लाभार्थी: देश के सभी पात्र छोटे व सीमांत किसान
- प्रति वर्ष लाभ: ₹6,000, तीन किश्तों में
- अब तक वितरित धनराशि: ₹3.04 लाख करोड़ (20 किश्तों में)
- इस बार जारी की गई राशि: ₹21,000 करोड़
- लाभार्थी संख्या: 10 करोड़ से अधिक किसान
नया भारत, नई नीति- पीएम मोदी की संदेश
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की बदलती छवि की बात करते हुए कहा कि “अब भारत आतंक का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसी रणनीतियों से देता है। और किसानों को सीधे उनके खातों में लाभ पहुंचाकर हम उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं।”उन्होंने कहा कि “भारत का किसान सिर्फ अनाज पैदा नहीं करता, वह देश की आत्मा को सींचता है।”योजनाओं की झलक
- प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार आने वाले समय में:
- किसानों के लिए स्मार्ट कृषि उपकरणों को सब्सिडी में उपलब्ध कराएगी,
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी,
- और कृषि निर्यात के लिए विशेष मंडियों का विकास करेगी।