रील में प्लेसमेंट व्यवस्था पर तंज
रील में प्लेसमेंट व्यवस्था पर तंज कसते हुए दो युवकों के बीच संवाद दिखाया गया है, जिसमें एक युवक पूछता है यहां से प्लेसमेंट मिल जाएगा? जवाब में दूसरा युवक कहता है यहां तो रिक्शा नहीं मिलता, प्लेसमेंट क्या मिलेग। 25 मार्च को अपलोड हुई इस रील को अब तक 3 लाख 75 हज़ार से अधिक लोग देख चुके हैं, और यह इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रही है। रील का हास्य अंदाज़ जहां कुछ लोगों को मनोरंजन प्रतीत हो रहा है, वहीं विश्वविद्यालय की गरिमा पर इसका प्रभाव गहरा होता दिखाई दे रहा है।
हर अध्ययनशाला में है प्लेसमेंट : कुलगुरु
इस पूरे विवाद पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा की यह रील विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की सोची-समझी कोशिश है। हमारी प्लेसमेंट व्यवस्था मजबूत है। हाल ही में हमारे 35 से अधिक छात्रों ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने आगे बताया कि विश्वविद्यालय की सभी अध्ययनशालाओं में समय-समय पर प्लेसमेंट कैम्प आयोजित किए जाते हैं और अनेक छात्र देश की प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत हैं।
प्रशासन सख्त, बोले- दर्ज करेंगे एफआइआर
मामले के तूल पकड़ने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आ गया है। तीन महीने बाद जब रील का असर हुआ, तो कुलसचिव प्रो. अनिल कुमार शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा की हमारे संज्ञान में यह मामला आया है। यह विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।