सीएम डॉ. मोहन यादव ने इससे पहले महाकाल की पूजा अर्चना की। इसके बाद वे सवारी में कभी डमरू बजाते हुए तो कभी झांझ बजाते हुए चलते रहे। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी झांझ व डमरू बजाया।
महाकाल की सवारी रजत पालकी में निकली
शिप्रा घाट पर महाकाल की पूजा की गई जिसके बाद सवारी वापस महाकालेश्वर मंदिर लौटी। महाकाल की सवारी रजत पालकी में निकली। चंद्र मौलेश्वर स्वरूप में उन्होंने लाखों भक्तों को दर्शन दिए। सोमवार रात को 2.30 बजे ही महाकाल मंंदिर के पट खोल दिए गए थे। उज्जैन में महाकाल की सवारी देखने के लिए आसपास के जिलों से लेकर दूर दराज के प्रदेशों से भी लाखों लोग आए थे। सवारी के दौरान दत्त अखाड़े पर पुलिस बैंड ने प्रस्तुति दी।