उदयपुर में 8 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी: अफ्रीका में होती थी सप्लाई, 7 आरोपी दोषी करार
साल 2016 में DRI टीम ने दीपावली के ठीक दो दिन पहले कलड़वास में मरूधर ड्रिंक्स पर दबिश दी, जहां मैथाकुलोन टेबलेट्स का अवैध भण्डारण मिला। तहखाने और दीवार के पीछे से 23.32 मैट्रिक टन मैथाकुलोन टेबलेट्स जब्त हुई।
उदयपुर । 8 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी मामले में न्यायालय ने सभी 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने उनकी सजा के फैसले को सोमवार तक सुरक्षित रखा है। न्यायालय के इस फैसले के बाद जमानत पर चल रहे 5 आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। दो आरोपी पिछले 9 साल से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं। मामले में मुख्य आरोपी सुभाष दूदानी की न्यायिक अभिरक्षा के दौरान ही मौत हो गई थी, ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई को ड्राप कर दिया गया।
डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) की टीम ने 28 अक्टूबर 2016 को ठीक दीपावली के दो दिन पहले शहर के कलड़वास और गुड़ली रीको एरिया और राजसमंद के धोइंदा में छापा मार कार्रवाई की थी। इस दौरान 8 हजार करोड़ की 23.32 मैट्रिक टन मैथाकुलोन टेबलेट्स मेंड्रेक्स (एमडी) बरामद की थी।
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इन आरोपियों की हुई थी गिरफ्तारी
मामले में DRI की टीम ने मुंबई निवासी सुभाष पुत्र थावरदास दूदानी, उसका पुत्र आरके चौराहा सुखेर निवासी गुंजन दूदानी, भतीजा प्रतापनगर निवासी रवि पुत्र किशनचंद्र, मुम्बई निवासी परमेश्वर पुत्र दुलाल व्यास, अतुल पुत्र दिलीप म्हात्रे को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सी क्लास प्रतापनगर निवासी अनिल पुत्र नानकराम मलकानी और वड़ोदरा गुजरात निवासी संजय पुत्र रतीलाल पटेल को भी गिरफ्तार किया था।
कोर्ट में पेश किए गए 49 गवाह
इस मामले में NDPS की विभिन्न धाराओं मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों के खिलाफ जांच पूर्ण कर विशेष लोक अभियोजक डॉ. प्रवीण खंडेलवाल, एसपी शर्मा और अधिवक्ता राजेश वसीटा ने प्रभावी पैरवी की। अभियोजन की तरफ से 49 गवाह, 559 दस्तावेज और 3148 आर्टिकल पेश किए गए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एडीजे-1 न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मनीष कुमार वैष्णव ने सभी आरोपियों को एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया। हाई प्रोफाइल मामले के निर्णय के दौरान पूरी कोर्ट अधिवक्ताओं से खचाखच भरी थी।
पांच आरोपियों को लिया हिरासत में, भेजा जेल
मामले में सुभाष दूदानी की मृत्यु हो चुकी है, जबकि रवि दूदानी और परमेश्वर व्यास 2016 से न्यायिक अभिरक्षा में है। बाकी पांच आरोपी अनिल, संजय, अतुल, निर्मल व गुंजन जमानत पर चल रहे थे, उन्हें पीठासीन अधिकारी के आदेश से चालानी गार्ड ने हिरासत में ले लिया। सभी को जेल भेज दिया गया।
राजसमंद में भी मारा था छापा
दरअसल, साल 2016 में DRI अधिकारी लक्ष्मण मणि शर्मा के नेतृत्व में टीम ने दीपावली के ठीक दो दिन पहले कलड़वास में मरूधर ड्रिंक्स पर दबिश दी। जहां मैथाकुलोन टेबलेट्स का अवैध भण्डारण मिला। तहखाने तथा दीवार के पीछे से 23.32 मैट्रिक टन मैथाकुलोन टेबलेट्स जब्त की। इसके बाद टीम ने गुडली में औंकार इंडस्ट्रीज, मेवाड़ नेचुरल इंडस्ट्रीज और श्रीनाथ इंडस्ट्री धोइंदा राजसमंद में छापा मारा।
अफ्रीकी देशों में भेज चुके थे 24 मैट्रिक टन ड्रग
इन जगहों से मैथाकुलोन टेबलेट्स की फैक्ट्रियां सीज की। इन फैक्ट्रियों में माल तैयार होने के बाद कलड़वास में भंडारण कर रखी थी। जांच में खुलासा हुआ था कि उदयपुर से यह ड्रग्स रेडीएसिव टेक्नोलॉजी नडियाद से विदेशों में सप्लाई किया जाता है। DRI के अतिरिक्त निदेशक ने बताया कि मैथाकुलोन टेबलेट का निर्माण कर आरोपियों ने वर्ष 2009 व 2015 में अफ्रीकी देशों में करीब 24 मैट्रिक टन प्रतिबंधित निर्यात किया था।