बता दें कि 615 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ईसरदा बांध दौसा और सवाई माधोपुर जिलों के सात कस्बों और 1,256 गांवों को पानी की आपूर्ति करेगा। यह टोंक जिले में भिसलपुर बांध के बाद दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जिसकी क्षमता 38,800 टीएमसी है। टोंक-सवाई माधोपुर जिले की सीमा पर बनेठा और ईसरदा गांव के बीच स्थित इस बांध पर 600 मीटर की कंक्रीट संरचना है। जल स्तर 262 आरएल मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है, जो क्षेत्र की जल आवश्यकताओं को पूरा करता है।
15 सितंबर तक रोका जाएगा ईसरदा बांध में पानी
ईसरदा बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता विकास गर्ग ने बताया कि बीसलपुर बांध से लगातार 5वें दिन बनास नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी को ईसरदा बांध में रोकने की तैयारी पूरी कर ली गई है। ईसरदा बांध में पहली बार 30 जुलाई को पानी रोका जाएगा। जयपुर स्थित सिंचाई विभाग ने 15 सितंबर तक चरणबद्ध तरीके से ईसरदा बांध में पानी रोकने के आदेश जारी किए हैं। बीसलपुर बांध से 6 गेट खोलकर छोड़ा जा रहा पानी
बीसलपुर बांध से लगातार 5वें दिन बनास नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार सुबह से बांध के 6 गेट खोलकर 60100 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। अभी गेट नंबर 8 और 13 को एक-एक मीटर खोलकर 6010-6010 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं, गेट नंबर 9, 10,11 और 12 को दो-दो मीटर खोलकर 12020-12020 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
जनवरी से इन दो जिलों को मिलेगा पानी
ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिले के 1256 गांव और 6 शहरों में पानी सप्लाई किया जाएगा। अभी बांध के डाउन स्ट्रीम में करीब 200 मीटर दूर पंपिंग स्टेशन तैयार हो रहा है। जिसका काम दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद जनवरी से दौसा जिले के एक हजार 79 गांव, 5 शहर और सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव व एक शहरी क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई होगी। ईसरदा बांध पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी पहुंचाने की योजना है।