जहां चिकित्सकों ने उपचार के दौरान साध्वी को मृत घोषित कर दिया। इससे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और कई संत व महात्मा समेत सैकड़ों ग्रामीण उप जिला अस्पताल निवाई में एकत्रित हो गए। घटना की सूचना पर बरोनी थानाधिकारी बृजेंद्र सिंह तथा कुछ देर बाद पीपलू के पुलिस उपाधीक्षक अरिवंद भी निवाई अस्पताल पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि विद्युत निगम के अभियंताओं की लापरवाही के चलते गांव गुढ्ढाआनंदपुरा में एक कबीर पंती साध्वी की मौत हो गई। मौत की जिमेदारी विद्युत निगम की है।
अभियंता ने दिया आश्वासन
सहायक अभियंता ने विद्युत समस्याओं का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। लालसोट आश्रम से कबीर पंती साध्वी साधना साहिबा उर्फ सोहनी गुर्जर (42) पत्नी हरिराम गुर्जर गांव गुढ्ढाआनंदपुरा में प्रवचन कार्यक्रम में आई थी। जहां गुरुवार तड़के साढे पांच बजे साध्वी साधना साहिब शौच के लिए गई थी। एक ट्रांसफार्मर लगा हुआ विद्युत पोल टूटकर साध्वी पर गिर गया, जिससे उनकी मौका पर मौत हो गई।
इसलिए गिरा पोल
ग्रामीणों और संतों ने पुलिस को बताया कि एक ही पोल पर 25 केवी और 16 केवी का ट्रांसफार्मर लगा रखा था। एक पोल पर दो ट्रांसफार्मर लगने से विद्युत पोल बिना आंधी व बारिश के टूटकर उधर से गुजर रही साध्वी पर जा गिरा। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस पर बरोनी थानाधिकारी ने विद्युत निगम के अभियंता व निवाई तहसीलदार नरेश गुर्जर को घटना की सूचना दी। इसके बाद तहसीलदार, सहायक अभियंता केसी माली, कनिष्ठ अभियंता धनराज यादव निवाई अस्पताल पहुंचे। सहायक अभियंता ने आक्रोशित ग्रामीणों व संतों को बताया कि उक्त घटना के सभी साक्ष्य जुटा लिए गए हैं। पोल टूटने से यह हादसा हुआ है। हादसे की एक रिर्पोट बनाकर निगम को भेज दी जाएगी। दो माह के भीतर मृतका के परिजनों को पांच लाख रुपए की मुआवजा राशि का चेक दे दिया जाएगा। इस प्रकार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार मुआवजा राशि दिलवाने का आश्वासन दिया।
कोटा से आई टीम
साध्वी की शपथ को पूरा करने के लिए संतों ने कोटा के शाइन फाउंडेशन की टीम को नेत्रदान व देहदान के लिए सूचना दी। इस पर नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ.कुलवंत राय उप जिला अस्पताल निवाई पहुंचे। जहां साध्वी के परिजनों ने नेत्रदान के लिए नेत्ररोग विशेषज्ञ को प्रार्थना पत्र सौंपा। इसके बाद साध्वी का पोस्टमार्टम से पूर्व नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की। चिकित्सक ने बताया कि दुर्घटना में मृत्यु होने से साध्वी का देहदान नहीं हो सका।
लोगों को करती थी प्रेरित
कबीर पंती संतों ने बताया कि करीब पंद्रह वर्ष पूर्व सोहनी गुर्जर कबीर पंत की दीक्षा लेकर साध्वी बनी थी। साध्वी के रूप में लोगों को नशाखोरी, कुरीतियों, भ्रूणहत्या, सामाजिक बुराइयों को रोकने तथा अध्यात्म को अपनाने पर लोगों को प्रेरित करती थी। साध्वी साधना साहिब ने गुरु के समक्ष अपनी मृत्यु उपरांत देहदान व नेत्रदान करने की घोषणा की थी।