मोती सागर बांध पर नहाने का आनंद लेते लोग। (पत्रिका फाइल फोटो)
टोंक। राजस्थान के टोंक जिले में कई पिकनिक स्थल है, जहां बरसात के मौसम में लोग बड़ी संख्या में दोस्तों व परिजनों के साथ पहुंचते हैं। प्रदेश के बड़े पिकनिक स्थलों में शामिल बीसलपुर बांध के दह वाले इलाके में तो भीड़ लगी रहती है। यहां कई हादसे भी हो गए हैं। इसके बावजूद लापरवाही का आलम यह है कि ना तो चेतावनी बोर्ड हैं और ना ही सुरक्षा के कोई इंतजाम है। ऐसे में यहां लोग नहाने के चक्कर में डूब कर मौत के आगोश में चले जाते हैं। ऐसा मंगलवार को भी शहर के समीप बनास नदी में हुआ, जहां जयपुर से आए 8 जनों की मौत हो गई।
राजस्थान के बडे़ पिकनिक स्थल बीसलपुर बांध के दह से लेकर बनास नदी में हर साल हादसे होते हैं। लेकिन प्रशासन ने ना तो वहां कोई चेतावनी बोर्ड लगाया और ना ही सुरक्षा के इंतजाम किए। ऐसे में हर साल दर्जनों पर्यटक अकाल मौत का ग्रास बन जाते हैं। प्रशासन की ओर से हादसे के एक सप्ताह तक सुरक्षा व्यवस्थाओं पर महज चर्चा की जाती है। इसके बाद फिर से भूल जाते हैं। बीसलपुर बांध पर 2002 से अब तक जलभराव क्षेत्र व दह में सौ से अधिक लोग अकाल मौत का शिकार हो चुके हैं। फिर भी यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए हैं।
यहां सबसे बड़ा हादसा 17 मार्च 2013 में हुआ था। जहां कासीर गांव के निकट जलभराव में हुए नाव हादसे में एक दर्जन महिलाओं की मौत ने लोगों का दिल दहलाकर रख दिया था। इसी प्रकार 2022 में बांध के निकट जल भराव क्षेत्र में दो माह के अंतराल में अलग-अलग नाव हादसे में पांच मछुआरों की मौत, 6 मई 2023 को जलभराव में नाव डूबने से 7 लोग डूबे 5 लोगों को मछुआरों ने बचाया मगर नाव चालक व एक कनिष्ठ अभियंता की मौत हो गई।
दह में हर वर्ष दो से तीन लोगों की मौत
इसी प्रकार दह में हर वर्ष दो से तीन लोगों की मौत होती रही है। इससे आंकड़े सौ को पार कर गया। बीसलपुर बांध के डाउन स्ट्रीम में बने पवित्र दह की गहराई किनारे से आगे व बीच में करीब 60 से 80 फीट तक है। जहां गहराई को लेकर कोई चेतावनी बोर्ड नहीं है। दह किनारे नीचे की पुलिया का अभाव बना हुआ है। दह के किनारे पवित्र स्नान को लेकर बैठकर नहाने के लिए कोई घाट नहीं है। यहां पानी में पकड़कर नहाने के लिए लोहे की जंजीरों या पाइपों का भी अभाव है। इससे अंजान पर्यटक नहाने उतरते हैं और सीधे मौत के आगोश में समा जाते हैं।
बीसलपुर बांध के करीब हादसे का गढ़ पवित्र दह। (पत्रिका फाइल फोटो)
यहां लगा रहता है मेला
शहर में सर्वाधिक लोग बनास नदी किनारे ही पिकनिक मनाने और नहाने जाते हैं। इसमें देवली क्षेत्र में बोरड़ा गांव, छान में देवत माता मंदिर के समीप, टोंक में फ्रेजर पुल, नया पुल, वैष्णो देवी मंदिर, गहलोद, बनेठा आदि शामिल है। हर साल बनास नदी में डूबने से दर्जनों लोगों की मौत होती है। इसके अलावा दूनी का मोती सागर बांध भी जिले का दूसरा पिकनिक स्थल बन गया है। यहां गत वर्ष एक युवक की डूबने से मौत हो गई थी।
जिले में सिंचाई विभाग के 30 बांध है। इसके अलावा बीसलपुर बांध परियोजना के पास चंदलाई व दाखिया बांध है। जिले के इन बांधों में भी लोग नहाने जाते हैं। जहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।