Rajasthan Murder: राजस्थान में बेटों के साथ मिलकर पिता ने रची खौफनाक साजिश, पत्नी को दी दर्दनाक मौत
एएसपी मोटाराम बेनीवाल ने बताया कि आरोपी सुखलाल मृतका धन्नी देवी को करीब 5 माह पूर्व नाता विवाह कर लेकर आया था, लेकिन कुछ समय से मृतका व उसके पति के मध्य अनबन चल रही थी।
राजस्थान के टोंक के लाम्बाहरिसिंह थाना क्षेत्र में महिला की जघन्य हत्या कर जेवरात लूटकर सबूत नष्ट करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपी गिरफ्तार किए हैं। पुलिस ने महिला के जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश कर पिता और दो सौतेले बेटों को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
एएसपी मोटाराम बेनीवाल ने बताया कि हत्या के आरोपी सुखलाल पुत्र प्रताप बावरी, बद्रीलाल और राकेश को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि 18 अप्रेल को सूचना मिली थी कि जाटान गांव में स्थित पुरानी बंद पड़ी पानी से भरी खान में महिला के कपड़े तैरते नजर आ रहे हैं। सूचना पर थानाधिकारी राजकुमार मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। जहां महिला के कपड़े तैरते नजर आए।
पत्थर से बंधा था शव
वहीं ग्रामीणों के सहयोग से एक कपड़े की पोटली को खदान से बाहर निकालकर देखा गया तो उसमें महिला का शव मिला। शव के साथ करीब 20 किलोग्राम का पत्थर बंधा हुआ था। मौके पर पहचान नहीं होने पर शिनाख्तगी का पता लगाने के लिए महिला के शव को मोर्चरी में रखवाया गया।
सीसीटीवी खंगाले
एएसपी ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मृतका के शव और घटनास्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई। महिला की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। घटनास्थल की ओर आने-जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए। एफएसएल टीम व एमयूआई टीम से घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य संकलित किए।
मोबाइल से मिला सुराग
एएसपी बेनीवाल ने बताया कि मृतका के कपड़ों में मिले मोबाइल के आईएमईआई नंबर से सीडीआर प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। मृतका व उसके परिजनों का पता लगाने के लिए करीब 200-250 व्यक्तियों से पूछताछ की गई। इसके बाद सीडीआर में आए सभी नंबरों के बारे में गहन जानकारी की गई। ऐसे में गजानंद निवासी स्याह हाल सान्धोलिया थाना अराई से संपर्क किया गया। उसने मृतका की पहचान धन्ना के रूप में की।
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पांच महीने पहले हुआ नाता विवाह
एएसपी मोटाराम बेनीवाल ने बताया कि आरोपी सुखलाल मृतका धन्नी देवी को करीब 5 माह पूर्व नाता विवाह कर लेकर आया था, लेकिन कुछ समय से मृतका व उसके पति आरोपी सुखलाल के मध्य अनबन चल रही थी। इसकी जानकारी उसके दोनों पुत्रों को भी थी। कुछ दिनों से मृतका आरोपी सुखलाल से अलग रह रही थी। इसे लेकर आरोपी सुखलाल व उसके पुत्र बद्रीलाल व राकेश परेशान थे। इसी बात को लेकर सुखलाल व उसके दोनों पुत्रों ने मृतका धन्नी देवी को ठिकाने लगाकर जेवरात लूटने की योजना बनाई।
12 अप्रेल की रात्रि को सुखलाल व उसके पुत्र बद्रीलाल व राकेश ने मिलकर अपनी पूर्व योजना के अनुसार रात में शराब पीकर मृतका को चारपाई पर सोते हुई को दबोच लिया। इसके बाद कुल्हाडी से दोनों पैर काटकर जेवरात निकाले। सबूत नष्ट करने के लिए मृतका को उसके ही कपड़ों में बांधकर पास में स्थित बंद खदान पर ले गए। मृतका का किसी को पता नहीं चले इसलिए उसके कपड़ों में करीबन 20 किलोग्राम का पत्थर बांधकर पानी से भरी खदान में डाल दिया।