नोटिस को क्षेत्राधिकार का उल्लंघन
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस एम.एस. रमेश की बेंच ने मौखिक टिप्पणी करते हुए ईडी के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए थे और “बिना किसी स्पष्ट वैधानिक अधिकार के” सिमेनचेरी स्थित उनके कार्यालय और पोज गार्डन स्थित फ्लैट सील करने के नोटिस को क्षेत्राधिकार का उल्लंघन बताया था। ईडी के वकील ने तर्क दिया था कि नोटिस सिर्फ इसलिए दिए गए थे कि निर्माता जांच में सहयोग करें, हालांकि हाई कोर्ट ने कहा कि इसके विपरीत नोटिस की भाषा स्पष्ट शब्दों में ईडी की पूर्वानुमति के बिना प्रवेश पर रोक लगाती है।
न्यायालय ने ईडी को दिया निर्देश
कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल करे। अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी, यानी अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि वह आकाश और विक्रम के घरों पर लगाए गए नोटिस हटा लेगा और जो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए थे, वो भी लौटा देगा। दरअसल, आकाश भास्करन ने 14 जून को ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। ईडी ने उनके और विक्रम के घरों पर नोटिस चिपकाए थे और कुछ उपकरण जब्त किए थे। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं की है, लेकिन मामला चार हफ्तों तक के लिए टाल दिया गया है।