जिले में इस योजना के तहत 61,775 तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरित करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें से अब तक लगभग 10 हजार संग्राहकों को चरण पादुका दी जा चुकी है। शेष वितरण वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से तेजी से किया जा रहा है। सरकार ने तेंदूपत्ता की खरीदी दर बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा तय की है, जिससे संग्राहकों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है। वन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ’’गारंटी’’ के अनुरूप धरातल पर उतरती नजर आ रही है।
श्रम को सम्मान देने की पहल
तेंदूपत्ता संग्राहकों का
प्रदेश की अर्थव्यवस्था, वनोपज आधारित रोजगार और पारंपरिक वन संस्कृति में विशेष योगदान है। चरण पादुका योजना उनके श्रम को सम्मान देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है, जो उन्हें आत्मसमान, सुरक्षा और सुविधा प्रदान कर रही है।