scriptइंगलैंड के थरोब्रेड प्रजाति के घोड़े अब सीकर में भी… 50 लाख तक की कीमत, जानें क्या है खासियत | Thoroughbred horses from England are now available in Sikar too... Priced up to 50 lakhs, know what is special | Patrika News
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इंगलैंड के थरोब्रेड प्रजाति के घोड़े अब सीकर में भी… 50 लाख तक की कीमत, जानें क्या है खासियत

सीकर के खूड़ी में रेस में दौड़ने वाले इंगलैंड के थरोब्रेड प्रजाति के घोड़ों का पालन कर रहे करणविजय सिंह, अमरिका में पढ़ सात देशों की यात्रा की, फिर खूड़ी में खोला होर्स फार्म, एकेडमी खोल करवाएंगे निशुल्क कोर्स

सीकरJul 15, 2025 / 02:58 pm

pushpendra shekhawat

Thoroughbred horses in sikar
सचिन माथुर / सीकर। माटी में ममता व पीढ़ियों की परंपरा में पूर्वजों का प्रेम बसा होता है। खूड़ी निवासी करणविजय सिंह शेखावत इन्हीं दोनों के मेल से अपने अनूठे सपनों को साकार कर रहे हैं। भारतीय सेना की 61वीं कैवलरी से सेवानिवृत उनके दादा लेफ्टिनेंट कर्नल गोविंदसिंह शेखावत ने कभी गांव में घोड़ा पालन शुरू किया था, उसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने पहले तो अमरिका में स्टड फार्म मैनेजमेंट का कोर्स किया और फिर सात देशों में सेवाएं देने के बाद उस परंपरा को अपनी माटी में ही निभाने के लिए वे फिर खूड़ी लौट आए।

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200 बीघा के फार्म में 50 लाख तक के घोड़े

खूड़ी में करण विजय 2021 से अपने दादा के नाम से गोविंद बाग फार्म शुरू कर वे राष्ट्रीय-अंतरर्राष्ट्रीय रेस में दौड़ने वाले थरोब्रेड घोड़ों का पालन कर रहे हैं। करीब 200 बीघा जमीन में केवल इंग्लैंड की थरोब्रेड प्रजाति के घोड़े ही हैं। रेस में दौड़ने वाले इन घोड़ों की कीमत 8 से 50 लाख तक है। ये 55 से 57 सैकंड में 100 मीटर की रेस पूरी करने में सक्षम होते हैं। अस्तबल में फिलहाल 27 घोड़े- घोड़ियां हैं, जिनकी देखभाल के लिए 16 कर्मचारी कर रहे हैं। उनके फार्म से 50 लाख में बिका एक घोड़ा आरआर रुइया गोल्ड कप सहित कई प्रतियोगिताएं जीत चुका है।
Thoroughbred horses in sikar

तीन पीढ़ियों परंपरा के लिए सात देशों का भ्रमण

करण विजय घोड़ा पालन की तीन पीढ़ी की परंपरा निभा रहे हैं। दादा गोविंद सिंह के गोविंद स्टड फार्म के बाद पिता ब्रह्मदेवसिंह व भाई कर्नल भोपालसिंह और दिग्विजय सिंह शेखावत ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया। अब वे खुद इस परंपरा को निभा रहे हैं। इसके लिए अजमेर मेयो कॉलेज से स्नातक के बाद उन्होंने अमरिका में स्टड मैनेजमेंट का कोर्स कर केंटकी, आयरलैंड, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया, नैनोली स्टड फार्म, पुणे सहित सात देशों में कार्य का अनुभव बढ़ाया और फिर अपनी माटी के लगाव से वापस खूड़ी खिंचे चले आए।
Thoroughbred horses in sikar

नंदी पहुंचाता है घोड़ों को घास, मुर्गे व बकरी भी साथ

करण विजय पशु प्रेम की भी नजीर हैं। रास्ते में मिलने वाले पशुओं को लाकर वे उन्हें भी घोड़ों के परिवार का हिस्सा बना लेते हैं। अब भी उनके फार्म पर एक-एक नंदी, श्वान, बकरी और मुर्गे पल रहे हैं। खास बात है कि क्रूर माना जाने वाला नंदी भी यहां गाड़ी में जुतकर घोड़ों तक घास पहुंचाने में काम कर रहा है।
Thoroughbred horses in sikar

निशुल्क कोर्स के साथ दिलवाएंगे नौकरी

गोविंद बाग में अब निशुल्क एकेडमी शुरू होगी। बकौल करण विजय विदेशों में होर्स ट्रेनर की बढ़ती मांग तथा कोर्स व विदेश भेजने के नाम पर हो रही ठगी को देखते हुए उन्होंने प्रदेश के युवाओं को निशुल्क कोर्स करवाकर अपने स्तर पर ही देश-विदेश में प्लेसमेंट करवाना तय किया है। एकेडमी की शुरुआत अगस्त- सितंबर माह में प्रस्तावित है। जिसमें 18 से 30 वर्ष के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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