पर्ची का खेल: मनमर्जी से हो रही रॉयल्टी वसूली, भजनलाल सरकार को लग रही लाखों की चपत
Royalty Contractor Corruption: दांतारामगढ़ क्षेत्र में लीज धारकों की ओर से बाज्यावास, बल्लूपुरा, कांटिया, हीरवास, सवाईपुरा, बड़ागांव सहित विभिन्न जगहों पर चैजा पत्थर का खनन कार्य किया जा रहा है।
Patrika Sting Operation: दांतारामगढ़ क्षेत्र में संचालित खदानों से निकलने वाले खनिज पदार्थों को लेकर अवैध रॉयल्टी वसूली का खेल लंबे समय से धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार है कि आंखें मूंद कर बैठे हैं और ठेकेदार सरकार को राजस्व के रूप में रोजाना लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि बार-बार शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। जिससे अवैध वसूली करने वाले लोगों के हौंसले इतने बुलंद है कि वाहन चालकों की ओर से विरोध करने पर उनके साथ मारपीट करते तक भी उतारू हो जाते है।
गौरतलब है कि दांतारामगढ़ क्षेत्र में लीज धारकों की ओर से बाज्यावास, बल्लूपुरा, कांटिया, हीरवास, सवाईपुरा, बड़ागांव सहित विभिन्न जगहों पर चैजा पत्थर का खनन कार्य किया जा रहा है। यहां से खनिज पदार्थ लेकर जाने वाले वाहन चालकों को ठेकेदार खनिज विभाग की ओर से अधिकृत पर्ची ना देकर अपनी ओर से छपाई हुई अवैध पर्ची थमा देते हैं, जिसमें वह अपनी मनमर्जी से रॉयल्टी वसूली करते हैं।
अपनी पर्ची से कर रहे वसूली
नियमानुसार रॉयल्टी ठेकेदार खनिज विभाग द्वारा तय जगह पर ही रॉयल्टी नाका स्थापित कर खनिज विभाग द्वारा पहचान पत्र जारी व्यक्ति से ही खनन परिवहन पर रॉयल्टी वसूली करवा सकता है। इसके लिए बाकायदा खनिज विभाग द्वारा निर्धारित रॉयल्टी रसीद ही काम में ली जा सकती है, लेकिन ठेकेदार नियमों को दरकिनार कर दर्जनों जगह पर अवैध नाके लगा रखे हैं और अपनी अलग से पर्ची छपवा कर अवैध रॉयल्टी वसूली कर रहे हैं। खनिज पदार्थ का परिवहन करने वाले डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉलियों में स्वीकृत वजन से अधिक वजन डालकर परिवहन किया जाता है। इसके लिए रॉयल्टी ठेकेदार निर्धारित से अधिक वसूली भी करते हैं। साथ ही सरकार की नजरों में इसे छुपाया भी जा रहा है, जिसमें सरकार को रोजाना लाखों रुपए की राजस्व के रूप में चपत भी लगा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार रॉयल्टी ठेकेदार अकेले दांतारामगढ़ क्षेत्र में ही सरकार को रोजाना लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं। दांतारामगढ़ क्षेत्र में रोजाना करीब 900 से 1000 ट्रैक्टर ट्रोलियां और 500 से 700 डंपर पत्थर, क्रेशर निर्मित कंक्रीट व डस्ट का परिवहन करते हैं। डंपर में 22 टन वजन स्वीकृत है। लेकिन 50-60 टन तक भी वजन लेकर डंपर अवैध परिवहन कर रहे हैं। नियमानुसार 22 टन वजन की रॉयल्टी 1100 रुपए बनती है, लेकिन इनसे चार-चार हजार रुपए तक भी वसूली की जा रही है। यह वसूली ठेकेदार अपनी पर्ची से करते हैं, जिससे सरकार की नजरों में केवल 1100 रुपए की ही वसूली की जा रही है। बाकी सरकार को राजस्व के रूप में नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता मोती सिंह ने बताया कि अवैध खनन और अवैध रॉयल्टी वसूली को लेकर लंबे समय से खनिज अभियंता सीकर को शिकायतें की जा रही है। बावजूद इसके विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। अवैध रॉयल्टी वसूली का विरोध करने पर उल्टे वाहन चालकों के साथ ही मारपीट की जाती है और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां दी जाती है। मामले को लेकर निदेशक खान एवं भूविज्ञान विभाग उदयपुर को भी पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की गई है और अवैध रॉयल्टी वसूली बंद करवाने की मांग की गई है। अब शीघ्र ही मामले में कार्रवाई नहीं होने पर क्षेत्र के लोगों की ओर से अवैध रॉयल्टी वसूली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ऐसा मामला है तो दिखवा लेते हैं। शिकायत सही होने पर कल परसों में ही कार्रवाई करते हैं। छगनलाल, खनिज अभियंता सीकर
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