कदम-कदम टूट रहे कायदे: अनियोजित तरीके से हो रही बसावट आवासीय जोन:सड़क किनारे ज्यादा कॉलोनी मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया कि एज्युकेशन जोन की वजह से सीकर शहर के आसपास के इलाकों में काफी तेजी से बसावट हुई है। लेकिन ज्यादातर बसावट बाईपास व विभिन्न गांव-ढाणियों में जाने वाली सड़कों के किनारे हुई है। इससे मास्टर प्लान की पालना नहीं हुई है। मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया कि बाईपास का निर्माण भी मास्टर प्लान के प्रस्तावित एलाइनमेंट के अनुसार नहीं हुआ है।
बाजार: सुनियोजित तरीके से नहीं हो पा रहे विकसित शिक्षानगरी में सड़क किनारे बाजार भी बढ़ रहे है। लेकिन अभी भी बड़े शहरों की तरह सुनियोजित बाजारों का अभाव है। समीक्षा में सामने आया कि ज्यादातर बाजारों में पार्किंग का अभाव है। इस वजह से शहर में जाम की समस्या भी बढ़ रही है। पिछले मास्टर प्लान में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए 153 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की गई थी। लेकिन 2023 तक 168 हेक्टेयर भूमि पर बाजार विकसित हो गया।
रीको: औद्योगिक जोन नहीं हो पा रहा विकसित शहर में औद्योगिक जोन का भी विकास तेजी से नहीं हो पा रहा है। पिछले मास्टर प्लान में औद्योगिक जोन के लिए 149 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की गई। लेकिन 27 हेक्टेयर जमीन ही औद्योगिक क्षेत्र के लिए विकसित हो सकी। नए रीको की स्थापना नहीं होने की वजह से औद्योगिक इकाई नहीं बढ़ पा रही है।
दो दिन में 25 से ज्यादा आपत्ति दर्ज मास्टर प्लान को लेकर दो दिन में 25 से अधिक आपत्ति दर्ज हुई है। कई लोगों ने रास्तों ने कई लोगों ने सुविधा क्षेत्र को लेकर
आपत्ति दर्ज कराई है। 30 दिन में दर्ज होने वाली आपत्तियों को नगर नियोजन विभाग को भिजवाया जाएगा। इनकी समीक्षा के बाद मास्टर प्लान जारी होगा।