पशुपालन विभाग का बड़ा अधिकारी घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, ACB ने की कार्रवाई; राजनीतिक रसूख से मिला था पद
Rajasthan News: सीकर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कार्रवाई करते हुए ACB ने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल, फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी पर लंबे समय से विभागीय कर्मचारियों से मासिक बंधी वसूली, वेतन रोकने और ट्रांसफर की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
जानकारी के अनुसार दीपक अग्रवाल फील्ड ड्यूटी पर गए कर्मचारियों को अनुपस्थित दर्शाता, और फिर कारण बताओ नोटिस जारी कर वेतन रोक लेता था। इसके बाद वेतन चालू कराने के एवज में रिश्वत की मांग करता था। जो कर्मचारी पैसा देने से मना करते, उन्हें सीमावर्ती इलाकों में ट्रांसफर की धमकी दी जाती। अब तक वह 100 से ज्यादा कर्मचारियों से इस तरह अवैध वसूली कर चुका है।
राजनीतिक रसूख से मिला था पद
एसीबी सूत्रों के मुताबिक दीपक अग्रवाल पहले धोद में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत था। लेकिन करीब एक साल पहले राजनीतिक प्रभाव के चलते उसे संयुक्त निदेशक जैसे उच्च पद पर सीकर में नियुक्त कर दिया गया। तब से वह कर्मचारियों पर दबाव बनाकर अवैध वसूली करता रहा।
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25 कर्मचारियों का कराया ट्रांसफर
आरोपी ने हाल ही में अपने रसूख के बल पर सीकर में कार्यरत 25 कर्मचारियों का ट्रांसफर दूरस्थ और सीमावर्ती इलाकों में करवा दिया था। इससे परेशान एक कर्मचारी ने जयपुर एसीबी को लिखित शिकायत दी। आरोपी ने शिकायतकर्ता से पांच महीने की बंधी के तौर पर 50 हजार रुपए की डिमांड की थी।
आरोपी कैसे हुआ ट्रैप?
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कर शनिवार को ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। आरोपी को सीकर शहर के कल्याण कॉलेज के सामने सुख सागर अपार्टमेंट की पार्किंग में बुलाया गया। वहीं पर 25 हजार रुपए लेते ही एसीबी टीम ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। वर्तमान में आरोपी से उद्योग नगर थाने में पूछताछ की जा रही है। एसीबी टीम अब इस मामले में अन्य कर्मचारियों से भी जानकारी जुटा रही है ताकि अवैध वसूली की पूरी श्रृंखला का पर्दाफाश किया जा सके।
सैलरी बनवाने के नाम पर रिश्वत
दीपक अग्रवाल वेतन बनाने या स्वीकृति दिलाने के नाम पर मासिक बंधी की मांग करता था। जब कर्मचारी मना करते, तो राजनीतिक प्रभाव का डर दिखाकर विभिन्न जिलों में ट्रांसफर कर देता था। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह लंबे समय से इस दबाव में कार्य कर रहा था और अंत में एसीबी से संपर्क किया।