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Sikar: 5 साल के बेटे ने दी सैनिक पिता की चिता को मुखाग्नि, राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार

Funeral With State Honors: भारतीय सेना की 24 जाट रेजिमेंट में तैनात राजबीर का मंगलवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों और परिजनों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने और खंडेला में स्मारक बनाने की मांग उठाई है।

सीकरMay 21, 2025 / 11:38 am

Akshita Deora

सैनिक का फाइल फोटो (पत्रिका)

Soldier Rajbir Singh Last Rites: सीकर के खंडेला बरसिंहपुरा गांव के सैनिक राजबीर सिंह (30) की अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी पर जाते समय कैंप में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।

भारतीय सेना की 24 जाट रेजिमेंट में तैनात राजबीर का मंगलवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों और परिजनों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने और खंडेला में स्मारक बनाने की मांग उठाई है। राजबीर सिंह अरुणाचल प्रदेश के अहिरगढ़ में तैनात थे। 14 मार्च 2014 को भारतीय सेना के भर्ती हुए थे। 30 अप्रेल को चाचा के लड़के की शादी में शामिल होने के लिए गांव आया था। शादी का कार्यक्रम होने के बाद 12 मई को गांव से ड्यूटी पर रवाना होने के बाद शनिवार की रात कैंप में उनकी असामयिक मृत्यु हो गई। रविवार सुबह परिजनों को सूचना मिली और सोमवार रात उनका शव खंडेला पहुंचा। मंगलवार को ग्रामीणों ने शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर तीन चार घंटे अस्पताल परिसर में ही बैठे रहे।
विधायक व जनप्रतिनिधियों के समझाइस पर माने और अस्पताल परिसर से तिरंगा रैली निकाली गई जो बरसिंहपुरा उनके गांव तक पहुंची। जहां आरएसी जवानों ने सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।
Soldier Rajbir Singh
जवान की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित करते (फोटो: पत्रिका)
राजबीर के 5 साल के बेटे दक्ष ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी मंजू देवी, 8 वर्ष की बेटी निखलेश, पिता जगदीश कालीरावणा जो सेना से सेवानिवृत्त होकर खेती करते हैं। माँ, छोटा भाई व दो बहनें है। ग्रामीणों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि 11 साल की सेवा के बावजूद राजबीर को शहीद का दर्जा नहीं मिला जो सैनिकों के सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 घंटे तक सैनिक का शव साधारण एंबुलेंस में रखा रहा लेकिन किसी उच्चाधिकारी ने सुध नहीं ली।
Soldier Rajbir Singh
राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार (फोटो: पत्रिका)
विधायक सुभाष मील ने स्मारक बनाने में अपनी तरफ से पचास हजार रूपये देने और जन सहयोग से स्मारक बनवाने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि देश के लिए जान देने वाले सैनिकों को उचित सम्मान और सहायता मिलनी चाहिए। इस दौरान सांसद अमराराम, विधायक सुभाष मील, पूर्व विधायक बंशीधर बाजिया, प्रधान गिरिराज सिंह, एड सुभाष नेहरा, सरपंच सांवरमल जांगिड़, उपखण्ड अधिकारी, डीएसपी इनसार अली, तहसीलदार, गिरदावर तुलसीराम, श्रवण नेहरा, किशोर दूल्हेपुरा थानाधिकारी इंद्रप्रकास यादव सहित काफ़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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