2024 छात्रों की पढ़ाई होगी प्रभावित
जिले के जिन 41 विद्यालयों में पहुंच मार्ग नहीं हैं, वहां बारिश के दिनों में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। इन विद्यालयों में करीब 2024 छात्र अघ्यनरत हैं। शिक्षा विभाग ने भी सर्वे में पाया है कि अधिकांश बसहाटों में पुलिया व रास्ता नहीं है। सडक़े कच्ची और बरसात में दलदल की स्थिति निर्मित होती है। कई विद्यालयों तक पहुंचने में बीच में नाला भी पड़ता है, जहां बाढ़ के बाद आवागमन बंद हो जाता है। कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं, जहां छात्रों को निजी भूमि से होकर जाना पड़ता है, बारिश के बाद खेती होने से समस्या होती है और छात्र जान जोखिम में डालकर जाने को मजबूर होते हैं।इन क्षेत्रों मेंं है सबसे ज्यादा समस्या
-सोहागपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय दुनावटोला बोडरी में 2 किमी. रास्ता नहीं है, बीच में जंगल व नाला होने के कारण बारिश के दिनों में आवागमन बंद हो जाता है।-सोहागपुर के प्राथमिक विद्यालय तुर्री से बैगान टोला तक जंगल एवं पहाड़ है, सडक़ न होने के कारण यहां बरसात में बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते।
-प्राथमिक विद्यालय मड़वा पहुंच मार्ग में 200 मीटर सडक़ निर्माण के साथ ही नाला व पुलिया निर्माण की आवश्यकता है। बारिश के दिनों में रास्ता बंद हो जाता है।
-बुढ़ार में प्राथमिक विद्यालय नवाटोला ग्राम पंचायत कुडेली में 5 किमी. सडक़ नहीं है, इसके साथ ही बीच में नाला होने कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजते।
-बुढ़ार के प्राथमिक विद्यालय धुम्माडोल पहुंच मार्ग पथरीला व जंगल से घिरा हुआ है। यहां धुम्माडोल से कोठीताल तक 8 किमी. का रास्ता काफी जर्जर है।
-गोहपारू के प्राथमिक विद्यालय बोदर्रा टोला गोडारू से विद्यालय पहुंच मार्ग 4 किमी. कच्चा रास्ता है, जहां बारिश के दिनों में दलदल की स्थिति निर्मित होती है। यही हाल पैलवाह व सकरिया व हरर्हा टोला का भी है।
-जयसिंहनगर प्राथमिक शाला सन्नौसी व रेउसा में 2 किमी. पक्की सडक़ नहीं होने से विद्यालय तक आवागमन में समस्या होती है।
विकासखंडवार पहुंच मार्ग विहीन स्कूल
सोहागपुर 9 विद्यालय
बुढ़ार 5 विद्यालय
गोहपारू 7 विद्यालय
जयसिंहनगर 10 विद्यालय
ब्यौहारी 10 विद्यालय
इनका कहना
जिन स्कूलों में सडक़ की समस्या है, उन्हें छह महीने पहले चिन्हित कर प्रशासन को लिस्ट भेजी गई थी। डीएमएफ मद से पंचायतों को सडक़ दुरुस्त कराने की बात कही गई थी।
अमरनाथ सिंह, डीपीसी