पहला मामला- हाईस्कूल संकदी
ब्यौहारी जनपद स्थित सकंदी हाई स्कूल में पेंट के लिए 400 रुपए की दर से 168 मजदूरों को 67200 रुपए, 600 रुपए की दर से 65 मिस्त्री को 39000 रुपए और 196 रुपए प्रति लीटर की दर से 4 लीटर ऑयल पेंट का 784 रुपए भुगतान किया गया। इसमें गौरतलब है कि दीवार पर पेंट करने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया। जिन्हें 1,06,984 रुपए का पेमेंट किया गया।
दूसरा मामला- उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में 20 लीटर पेंट खरीदा गया। जिसे पेंट करने के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्रियों को लगाया है। इन सभी को 2,31,650 रुपए का पेमेंट किया गया। खर्च किए रूपए में दरवाजे और खिड़कियों के पेंट भी शामिल हैं।
इन दोनों ही मामलों में सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। दोनों ही बिल 5 मई 2025 के हैं। इन बिलों के ऊपर स्कूल प्रिंसिपल और जिला शिक्षा अधिकारी समेत सरकारी मुहर भी लगी हुई है।
इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी पीएस मरपाची का कहना है कि विद्यालय भवन में पुताई के अलावा अन्य कार्य भी कराए गए हैं। इसके लिए 3 लाख स्वीकृत हुए हैं। सिर्फ एक बिल वायरल किया गया है जो कि मिस्त्री व मजदूरों के भुगतान का है। अन्य जो कार्य कराया गया है उसका एक और बिल है। मामले की जांच कराई जा सकती है।