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सवाई माधोपुर

रणथंभौर में टाइगर से फिर हुआ आमना-सामना, श्रद्धालुओं में मची भगदड़; देखें VIDEO

Tiger Movement in Ranthambore: राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक बार फिर टाइगर के आने से श्रद्धालुओं की सांसे फूल गई।

सवाई माधोपुरApr 30, 2025 / 04:37 pm

Nirmal Pareek

Tiger Movement in Ranthambore

Tiger Movement in Ranthambore

Tiger Movement in Ranthambore: राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक बार फिर टाइगर के आने से श्रद्धालुओं की सांसे फूल गई। बुधवार को त्रिनेत्र गणेश मंदिर की ओर बढ़ रहे श्रद्धालुओं का टाइगर से अचानक सामना हो गया, जिससे अफरा-तफरी और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। जैन मंदिर के पास हुई इस घटना ने एक बार फिर वन विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, रणथंभौर किले के भीतर त्रिनेत्र गणेश मंदिर स्थित है, वहां हर बुधवार हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान एक टाइगर रास्ते में आ गया, जिससे वहां उपस्थित लोगों की सांसे फूल गई। श्रद्धालु कुछ देर तक टाइगर के हटने का इंतजार करते रहे, फिर डर के साये में आगे बढ़े। सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर मुकेश मीणा नाम के यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है।

15 दिन पहले मासूम की ली थी जान

गौरतलब है कि इस घटना से ठीक 15 दिन पहले 16 अप्रैल को एक मासूम बालक को टाइगर ने इसी मार्ग पर शिकार बना लिया था। इसके बाद वन विभाग ने मार्ग को नौ दिनों तक बंद कर दिया था और सुरक्षा पुख्ता करने का दावा किया था। लेकिन आज की घटना ने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी।

जंगल में 17-18 टाइगर कर रहे विचरण

स्थानीय जानकारों के अनुसार रणथंभौर किले और मंदिर मार्ग के आस-पास 17 से 18 टाइगर नियमित रूप से विचरण कर रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की जान जोखिम में है। वन्यजीव विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यह क्षेत्र अब हाई-रिस्क जोन बन चुका है, जहां बिना उचित सुरक्षा के किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

यहां देखें वीडियो-


सुरक्षा के नाम पर महज दिखावा?

आपको बता दें, श्रद्धालुओं को जोगी महल गेट से मंदिर तक पैदल यात्रा करनी पड़ती है और इस पूरे मार्ग पर न तो कोई स्थायी सुरक्षा बल तैनात है, न ही निगरानी के लिए पर्याप्त कैमरे या ट्रैकिंग सिस्टम। वन विभाग की मौजूदगी नाममात्र की है और जिम्मेदार एजेंसियां एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर मौन साधे हुए हैं। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने रणथंभौर दुर्ग मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है।

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