Tiger Attack In Ranthambore: सवाईमाधोपुर। राजस्थान के रणथंभौर में बाघों के लगातार बाहर आने और बाघों के हमलों में इंसानों की मौत का मामला और गरमा गया है। अब यह मामला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वन मंत्री संजय शर्मा तक भी जा पहुंचा है। स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री ने रणथंभौर में वन अधिकारियों की कार्य प्रणाली, ट्रेकिंग और मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े कर दिए है। साथ ही सीएम भजनलाल और वन मंत्री से रणथंभौर में लंबे समय से जमे व उच्चाधिकारियों का तबादला करने की मांग की है।
बता दें कि रणथंभौर में कई अधिकारी लंबे समय से यहां टिके हैं। कुछ फिर से घूम फिरकर यहीं आ गए हैं। पर्यटन के नाम पर चल रहे खेल में कई अधिकारी शामिल हैं, जो यहां से जाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में रणथभौर में फेरबदल व नए अफसरों के लगने से यहां की व्यवस्थाओं में सुधार होगा।
विधायक का आरोप: जब तक ये अधिकारी रहेंगे, हादसे नहीं रुकेंगे
विधायक ने आरोप लगाया कि बार-बार हो रहे बाघ के हमले सीधा-सीधा वन अधिकारियों की लापरवाही है। जब तक रणथंभौर में मौजूदा वन अधिकारी रहेंगे, ये हादसे रुकने वाले नहीं है। सरकार को इस दिशा में सत निर्णय लेने की दरकार है।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पिछले करीब डेढ माह में रणथंभौर में बाघों के हमले में तीन लोगों की जान जा चुकी है और इनमें से एक तो स्वयं वन विभाग का रेंजर था। इसके अलावा फिर से 13 जून को बाघ के हमले में दो जने और घायल हो गए थे। ऐसे में वन विभाग की कार्यप्रणाली, ट्रेकिंग और मॉनिटरिंग पर सवाल उठना लाजमी है। उन्होंने बताया कि वे पूर्व में भी वन मंत्री को इसके बारे में अवगत करा चुके हैं।