Sawai Madhopur Rain Update: सवाईमाधोपुर में दो घंटे तक बारिश, जानें आज से 5 दिन कैसा रहेगा मौसम?
Sawai Madhopur Rain Update: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में प्री-मानसून की बारिश ने रफ्तार पकड़ ली है। जानें जिले में आज से अगले 5 दिन तक मौसम कैसा रहेगा?
Sawai Madhopur Rain Update: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में प्री-मानसून की बारिश ने रफ्तार पकड़ ली है। सवाई माधोपुर में रविवार को 2 घंटे तक बारिश हुई। वहीं, जिलेभर में आज भी सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आज भी कहीं हल्की बारिश हुई तो कहीं सुबह से बादल छाए हुए है। मौसम विभाग ने भी आज से 5 दिन तक सवाई माधोपुर जिले में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
सवाईमाधोपुर जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में शनिवार देर रात मौसम के मिजाज में अचानक बदलाव आया और ठण्डी हवाओं के साथ मध्यम गति से बारिश का दौर शुरू हो गया। यह दौर करीब आधा घंटे तक जारी रहा, लेकिन बाद में बारिश थम गई। लेकिन सुबह करीब 7 बजे से एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया, जो करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर जारी रहा। इस दौरान सुबह करीब नौ बजे तक रुक-रुक कर हल्की बारिश का दौर जारी रहा।
अभी और गिरेगा पारा
बारिश के चलते मौसम सुहाना हो गया। जिससे लोगों को गर्मी और उसम से राहत मिली। बारिश के चलते जिला मुख्यालय पर अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में बारिश के चलते तापमान में और गिरावट आएगी।
हल्की बारिश से मिली राहत
चौथकाबरवाड़ा कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में रविवार को सुबह हुई हल्की बारिश ने लोगों को कुछ समय के लिए गर्मी से राहत दी। मौसम सुहावना हो गया और ठंडी हवाओं ने लोगों को सुकून पहुंचाया। लेकिन थोड़ी देर बाद आसमान साफ हो गया और तेज धूप ने फिर से गर्मी का असर बढ़ा दिया।
जानें आज से 5 दिन कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग ने सवाई माधोपुर जिले में आज से 5 दिन तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 5 दिन तक जिलेभर में बारिश का दौर बना रहने की संभावना है। वहीं, 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के बाद कुछ समय तक मौसम बेहद खुशनुमा रहा, लेकिन सूरज की तल्खी से दोबारा उमस बढ़ गई और गर्मी ने आमजन को परेशान किया। ग्रामीण इलाकों में किसान भी अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि खेती के लिए नमी मिल सके।