13 साल से जेल में काट रहे थे सजा
जानकारी के मुताबिक, छतरपुर के छुलहा गांव के रहने वाले कृपाल यादव, भागवत यादव, गोपाल यादव और राजू यादव को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। साल 2010 में जमीन को लेकर चारों भाइयों का पड़ोसी टिकरी गांव के लोधी परिवार से विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हो गई। इस मारपीट में लोधी परिवार के दादू लोधी, राजाराम लोधी और राम लोधी की मौत हो गई, जिसका इल्जाम यादव भाइयों पर आया। 8 अगस्त 2012 को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
रिहाई पर मिला पारिश्रमिक
जेल में कैदियों से काम कराया जाता है, जिसके बदले उन्हें पारिश्रमिक दी जाती है। 13 साल से जेल में चारो भाइयों ने विभिन्न कार्यों में हिस्सा लिया, जिसके बदले उन्हें करीब 3 लाख रुपये पारिश्रमिक के रुप में दिए गए। प्रशासन द्वारा रिहाई के दिन ये पैसे उन्हें दिए गए। किस जेल से कितने कैदी आजाद
- भोपाल से 25
- रीवा से 19
- सतना से 17
- ग्वालियर से 16
- जबलपुरसे 14
- उज्जैन से 14
- सागर से 14
- नर्मदापुरम से 11
- इंदौर से 10
- नरसिंहपुर से 06
- बड़वानी से 03
- टीकमगढ़ से 02
- इंदौर जिला जेल से 02
- देवास से 1
- पवई, सब जेल से 01
- बंडा, सब जेल से 01