जाम और सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया कदम
प्रशासन के अनुसार, कांवड़ यात्रा के दौरान भारी संख्या में शिवभक्त सड़कों पर पैदल या वाहन से विभिन्न शिवालयों की ओर बढ़ते हैं। ऐसे में सड़कों पर भीड़ और यातायात दबाव के चलते जाम की स्थिति बन जाती है। सावन के सोमवार को विशेष रूप से जलाभिषेक और पूजा-पाठ के चलते मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों में भारी भीड़ उमड़ती है। इन हालातों में शांति व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए स्कूलों को बंद रखने का निर्णय जरूरी समझा गया। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है ताकि वे किसी भी अप्रिय स्थिति में न फंसें।
सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू होगा आदेश
बता दें कि प्रशासन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह अवकाश जिले के सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, वित्तविहीन, निजी एवं मान्यता प्राप्त हिंदी और अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल शामिल हैं। माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
धार्मिक भावनाओं का सम्मान और प्रशासनिक सतर्कता
सावन माह में धार्मिक उत्साह के चलते जनमानस का भावनात्मक जुड़ाव विशेष रूप से देखा जाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान जिले में अलग-अलग जगहों पर जल चढ़ाने के लिए कांवड़िए मंदिरों की ओर प्रस्थान करते हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए और व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने हेतु यह छुट्टी घोषित की है।