हिंदू पक्ष की आपत्ति: नई एंट्री विपक्ष की साजिश
सुनवाई से ठीक पहले हिंदू पक्ष ने एक नई आपत्ति दर्ज की है। मां कैलादेवी धाम के महंत ऋषिराज गिरी महाराज और अन्य हिंदू पक्षकारों ने हिंदू शक्ति दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता को केस में पक्षकार बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। महंत ऋषिराज गिरी ने कहा, “मामला कोर्ट में है और हम पहले से पक्षकार हैं। किसी और को जोड़ने की जरूरत नहीं है। अगर मंदिर खुलेगा तो दर्शन सभी को होंगे, सिमरन गुप्ता को भी। यह विपक्ष की एक साजिश हो सकती है।”
गौरतलब है कि सिमरन गुप्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर खुद को पक्षकार बनाए जाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने फाइल में शामिल तो कर लिया है लेकिन अभी उस पर कोई निर्णय नहीं आया है।
क्या है पूरा मामला?
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद दरअसल एक प्राचीन श्री हरिहर मंदिर है। इसी दिन मस्जिद परिसर का पहले चरण का सर्वे हुआ था। इसके बाद 24 नवंबर को दूसरे चरण का सर्वे प्रस्तावित था, लेकिन उसी दिन माहौल बिगड़ गया। मस्जिद परिसर के बाहर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस पर पथराव और फायरिंग हुई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए।
हिंसा के बाद गिरफ्तारी और कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने सख्त एक्शन लिया। अब तक 96 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें तीन हत्या आरोपी तीन महिलाएं और मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट शामिल हैं। जफर अली को 24 जुलाई को हाईकोर्ट और 1 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत मिली है।
सांसद बर्क समेत 23 लोगों पर चार्जशीट दाखिल
इस हिंसा के सिलसिले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल, और 40 अन्य नामजदों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। साथ ही 2750 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज हुआ। 18 जून को SIT ने 1128 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जिसमें 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है। हालांकि, सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं है।
कोर्ट की कार्रवाई: समन और वारंट जारी
कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत चार लोगों को समन भेजा है। तीन आरोपियों के खिलाफ बॉन्ड वारंट (BW) और 15 के खिलाफ गैरजमानती वारंट (NBW) जारी किए गए हैं।
आज क्या होगा?
अब देखना यह है कि आज की सुनवाई में कोर्ट किस दिशा में फैसला लेता है क्या सिमरन गुप्ता को पक्षकार बनाए जाने पर निर्णय आएगा? क्या सर्वे को लेकर कोई अगला निर्देश मिलेगा? और क्या विवाद को सुलझाने की दिशा में कोई ठोस पहल होगी? इस पूरे विवाद पर न सिर्फ संभल बल्कि पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं। अदालत का हर फैसला इस ऐतिहासिक बहस में एक नया मोड़ ला सकता है।