450 पन्नों की रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपी गई
राज्य सूचना विभाग के मुताबिक, संभल हिंसा मामले की जांच के लिए नियुक्त 3 सदस्यीय पैनल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 450 पन्नों की रिपोर्ट में नवंबर 2024 के संभल हिंसा के बारे में डिटेल शामिल हैं और इसमें शहर में हुए पिछले दंगों का भी जिक्र है।
हिंदुओं की घटी आबादी
रिपोर्ट में संभल में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के बारे में भी डिटेल से बताया गया है। यहां एक समय में हिंदू समुदाय के लोग 45 प्रतिशत थे, लेकिन तब से उनकी संख्या घटकर 20 प्रतिशत हो गई है।
मुस्लिम आबादी 85 फीसदी तक पहुंची
रिपोर्ट के अनुसार, आजादी के समय संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55% आबादी मुस्लिम और 45% हिंदू थी; हालांकि, वर्तमान समय में हिंदू आबादी घटकर 15% हो गई है। जबकि मुस्लिम आबादी 85 फीसदी तक पहुंच गई है। आजादी के बाद से संभल में कुल 15 दंगे हुए।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि 24 नवंबर 2024 को संभल स्थित शाही जामा मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कोर्ट के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों सहित कई अन्य घायल हो गए। जैसे ही स्थानीय विशेष समुदाय के लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए को और तनाव बढ़ा। पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं।
12 लोगों के खिलाफ की गई थी FIR दर्ज
हिंसा के परिणामस्वरूप छतों से पुलिस पर पथराव करने के आरोप में 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई और 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोपपत्र के अनुसार, इस मामले में कुल 159 आरोपी थे। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि हिंसा स्थल और अन्य स्थानों से बरामद हथियार यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और जर्मनी में निर्मित थे। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने 12 में से छह मामलों में 4,000 से अधिक पेपर्स का आरोपपत्र दायर किया था। हिंसा के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल हिंसा की जांच के लिए तीन स्तरीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व DGP एके जैन और पूर्व IAS अमित मोहन प्रसाद हैं।