अधिवक्ताओं की हड़ताल बनी बाधा
एसडीएम विकास चंद्र ने बताया कि अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण पूर्व निर्धारित सुनवाई नहीं हो सकी, जिस वजह से अब नई तारीख तय की गई है। नक्शा संशोधन और जुर्माने के निर्देश
एसडीएम ने बताया कि सांसद के आवास निर्माण को लेकर पहले निर्देश दिए गए थे कि नक्शे में सुधार कर उसे प्रस्तुत किया जाए। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन संशोधित नक्शा पेश नहीं किया जा सका।
बिना अनुमति निर्माण का आरोप
यह मामला 11 दिसंबर 2024 को उस वक्त शुरू हुआ जब नियत प्राधिकारी/एसडीएम की ओर से सांसद जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि उनके आवास पर बिना अनुमति निर्माण कार्य किया गया है और नक्शा भी स्वीकृत नहीं है। यह उत्तर प्रदेश विनियमन भवन संचालन अधिनियम 1958 का उल्लंघन है।
22 जुलाई की सुनवाई पर टिकी नजरें
अब सभी की निगाहें 22 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। इसी दिन यह तय हो सकता है कि सांसद के अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन अगला कदम क्या उठाएगा।