शिकायत में आरोप था कि फील्ड ऑफिसर ने शेष राशि जारी करने के लिए 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जांच में सामने आया कि यह मांग शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से की गई थी। बाद में दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की राशि घटाकर 30 हजार रुपये करने पर सहमति जताई।
सीबीआई ने जाल बिछाकर दोनों अधिकारियों को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच जारी है। वहीं, एक अन्य मामले में सीबीआई ने रिवर्स ट्रैप ऑपरेशन के तहत दो व्यक्तियों को 22 लाख रुपये की रिश्वत एक जीएसटी इंटेलिजेंस अधीक्षक को पेशकश और भुगतान करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता के रूप में हुई है।
सीबीआई के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय में तैनात अधीक्षक कथित कर चोरी की जांच कर रहे थे। इसी दौरान कुछ ऑनलाइन कंपनियों ने उन्हें लाभ पहुंचाने के बदले रिश्वत की पेशकश की। अधिकारी ने पेशकश ठुकराते हुए पूरी घटना की शिकायत सीबीआई से की।
सीबीआई ने योजना बनाकर रिवर्स ट्रैप ऑपरेशन चलाया और दोनों आरोपियों को 22 लाख रुपये की रिश्वत देते समय गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एजेंसी ने आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जहां से कर चोरी और रिश्वतखोरी से संबंधित और सबूत मिलने की संभावना है।