सागर की खुरई रोड स्थित कृषि उपज मंडी में एप के माध्यम से अनुबंध पत्रक बनाने की व्यवस्था पिछले वर्ष शुरू हुई थी, जहां डाक के समय किसान को जो अनुबंध पत्रक दिया जा रहा है उसमें उपज बेचने वाले किसान का नाम, खरीदने वाले व्यापारी का नाम व फर्म, लाइसेंस नंबर, उपज की कीमत सहित अन्य जानकारी अंग्रेजी में होती हैं। किसान डाक होने के बाद व्यापारियों की गोदाम व दुकान खोजने पर्ची लेकर भटकते हैं, यदि किसान दुकान पर पहुंच भी जाए तो वहां हम्माल भी अंग्रेजी नहीं समझता।
सागर मंडी में हर दिन औसत 1000 किसान अपनी उपज बेचने पहुंचते हैं, यहां अनुबंधित 450 व्यापारी 15-20 हजार क्विंटल अनाज खरीदते हैं। एक साल से किसान व व्यापारी लगातार इस समस्या से परेशान हो रहे हैं। ऐसे में अब सागर की कृषि उपज मंडी समिति सचिव, अनाज व तिलहन व्यापारी संघ ने राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त संचालक, कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अनुबंध पत्रक की पूरी भाषा हिंदी में करने की मांग की है।
14 जनू को किसान खुशीलाल ने सागर मंडी में महेश साहू व्यापारी को 24 क्विंटल चना 5485 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा था। मंडी में व्यवस्था होती है कि व्यापारी डाक के बाद तुलाई के लिए किसानों को अपनी गोदाम व दुकान पर बुला लेते हैं। किसान पर्ची लेकर व्यापारी की दुकान खोजता रहा, वहां पहुंचा तो हम्माल भी कंफर्म करता रहा कि यह पर्ची यहीं की है कि नहीं। ऐसी समस्या प्रत्येक किसान के साथ सामने आ रही है, जिससे किसान भटक रहे हैं।
आरपी सिंह, सचिव कृषि उपज मंडी समिति सागर।
इस समस्या के लिए हमने कृषि उपज मंडी बोर्ड भोपाल के प्रबंध संचालक विश्वास कुमार से मांग की है कि प्रदेशभर की मंडी में अनुबंध पत्रक हिंदी में किया जाए।
महेश साहू, अध्यक्ष अनाज तिलहन व्यापारी संघ सागर।