साल 2019 में रिश्वत लेते पकड़ाया था
साल 2019 में राजस्व निरीक्षक राम शिरोमणि तिवारी को लोकायुक्त की टीम ने पांच हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा था। गंगासागर पांडेय नाम के व्यक्ति की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने ये कार्रवाई की थी। रिश्वतखोर रेवेन्यू इंस्पेक्टर राम शिरोमणि तिवारी फरियादी गंगासागर से जमीन सीमांकन के एवज में रिश्वत मांग रहा था। तब लोकायुक्त की टीम ने जवा स्थित राम शिरोमणि तिवारी के निवास पर ही उसे रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।
कोर्ट में गवाही से मुकरा शिकायतकर्ता
लोकायुक्त पुलिस ने तब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था और जांच के बाद मामले को विशेष अदालत में पेश किया। विशेष न्यायाधीश डॉ. अंजलि पारे की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता गंगासागर पांडेय अपने बयान से मुकर गया। लेकिन गवाह के मुकरने के बावजूद लोक अभियोजक की दलीलों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रेवेन्यू इंस्पेक्टर राम शिरोमणि तिवारी को दोषी पाया और 3 साल जेल के साथ ही 5 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।