तैयार होगा पूरा खाका
अतिरिक्त संचालक ने कहा है कि सभी सदस्य विस्तार से अतिक्रमण से जुड़े मामले का परीक्षण करेंगे और उसकी रिपोर्ट देंगे। जिसके बाद सभी जिलों के प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। पूर्व में शासन के स्तर से भी सरकारी कालेजों की भूमि से अतिक्रमण(Encroachment) हटाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे। जिसकी वजह से कुछ कालेजों ने भूमि का सीमांकन कराया था लेकिन अधिकांश ऐसे कालेज हैं जो अपनी भूमि को वापस नहीं ले पा रहे हैं। इसमें रीवा शहर के प्रमुख कालेज शासकीय ठाकुर रणमत सिंह कालेज, माडल साइंस कॉलेज, कन्या, विधि और संस्कृत महाविद्यालय सहित कई अन्य कॉलेज ऐसे हैं जिनके भूमि में दूसरों का कब्जा है। अब पूरा खाका तैयार कर यह पता लगाया जाएगा कि किस कालेज की कितनी भूमि अतिक्रमण के दायरे में है। टीआरएस कालेज की भूमि में निजी विद्यालय संचालित है, इसको लेकर मामला कोर्ट भी गया था। कालेजों की भूमि का सत्यापन करने के लिए गठित टीम में डॉ. महानंद द्विवेदी टीआरएस कालेज, संबंधित जिलों के अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य, टीआरएस कालेज के प्राध्यापक डॉ. बीके शर्मा के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला को भी शामिल किया गया है। पूर्व में गठित टीम में भी बीके माला को शामिल किया गया था, वह संभागायुक्त के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व में शामिल किए गए थे।
अतिक्रमण पर कार्रवाई
कालेजों की भूमि में अतिक्रमण की जानकारी सामने आ रही है। टीम का गठन किया है जो रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिलों में सत्यापन करेगी। जहां भी अतिक्रमण पाया जाएगा, जिला प्रशासन के साथ हटाने की कार्रवाई होगी। – डॉ. आरपी सिंह, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा