दरअसल, सामयिक विषयों पर भक्तों का मार्ग दर्शन करने वाले संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने सवाल पूछा था कि समाज में नशा, दुराचार और व्यभिचार बढ़ रहा है। इसे कैसे रोकें, इसी सिलसिले में महाराज जी ने राजा रघुवंशी मर्डर मामले में भी अपनी राय रखी और संत ने जो जवाब दिया, वह अब वायरल हो रहा है। आइये जानते हैं ..
विचित्र समय है अब अपने सुहाग को ही …
प्रेमानंद जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि बड़ा विचित्र समय आ गया है। पति-पत्नी में विश्वास चला गया है। जहां पहले पति पत्नी एक प्राण दो देह माने जाते थे, वहां अब ऐसी स्थिति है कि समझ में नहीं आता व्यक्ति किस पर विश्वास करे। पहले ये समझा जाता था, मांग में सिंदूर (सुहाग की निशानी) भर लिया तो स्त्री हमेशा अपने सुहाग की रक्षा करेगी। लेकिन अब अपने सुहाग को ही… बड़ा विचित्र समय आ गया है।
अध्यात्म के बिना इसमें सुधार संभव नहीं है, जब तक लोग अध्यात्म से नहीं जुड़ेंगे, संतों से नहीं जुड़ेंगे तब तक गंदी आदतें नहीं छूटेंगी और ऐसी स्थितियों में कोई सुधार नहीं आएगा।
ऐसे खराब माहौल से बचने का एक ही उपाय
ऐसा गंदा माहौल चल गया है, जिसमें सुधार का उपाय नहीं दिखाई देता है। सिर्फ एक उपाय है अध्यात्म, उसमें कोई जुड़ना नहीं चाहता। जब तक कोई भगवान से नहीं जुड़ेगा, बुद्धि पवित्र नहीं होगी, तब तक धर्म का आचरण कैसे होगा और इन स्थितियों में सुधार कैसे आएगा।
ऐसा गंदा समय कि पति सही तो पत्नी व्यभिचारी ..
प्रेमानंद जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि आज के समय में समस्या बढ़ती जा रही है, धर्म से दूर होने से लोगों में व्यभिचार की प्रवृत्ति बढ़ गई है। किसी परिवार में बच्चा सही है तो बच्ची व्यभिचारी निकल रही है, बच्ची सही है तो बच्चा व्यभिचारी, पति सही है तो पत्नी व्यभिचारी…। जबकि गृहस्थी की गाड़ी सही ढंग से खींचने के लिए सबका सही होना जरूरी है, इसके लिए आध्यात्मिक मार्ग पर चलना होगा।जब तक दोनों सही न हों तो आजीवन निर्वाह संभव नहीं है।
राजा रघुवंशी मर्डर केस पर कही ये बात
महाराज जी ने प्रवचन में कहा कि पति पत्नी में प्रेम होना गृहस्थी के लिए अनिवार्य है। तभी गृहस्थी सही से चल पाएगी और यहां समस्या ये है कि आध्यात्मिक मार्ग से दूर रहने से सही गलत का पता नहीं है। व्यभिचार की ओर मन झुक रहा है।राजा रघुवंशी मर्डर केस पर इशारों में ही संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि आजकल गृहस्थी में पति पत्नी आपस के संबंध को छोड़कर, एक किसी से प्यार करता है और दूसरा किसी और से। ऐसे में तो व्याह ही नहीं करना चाहिए था, तुम्हें जिससे प्रेम है, उसी के साथ रहो, कम से कम हत्या तो मत करो किसी की। हाल यह है कि कई लोग ऐसे आ रहे हैं जो विवाह से डर रहे हैं।
सोनम रघुवंशी पर किया ये संकेत
प्रेमानंद महाराज ने राजा रघुवंशी हत्याकांड में हनीमून पर चेरापूंजी गई आरोपी 12 दिन पुरानी दुल्हन सोनम रघुवंशी की कथित भूमिका को लेकर कहा कि पहले आप अपने माता पिता को सुख देने के लिए व्याह करते हैं और बाद में पति या पत्नी की हत्या कर देते हैं, जेल जाते हैं और जीवन बर्बाद कर लेते हैं। ये बड़ी समस्या है।
महाराज जी ने जताई चिंता
संत प्रेमानंद ने प्रवचन में कहा कि विचित्र समय है कि नए बच्चे बिना बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड के जीना नहीं चाहते। बोलते हैं कि हमारे गर्लफ्रेंड नहीं है तो मित्र नीचा दिखाते हैं और हमारी गर्लफ्रेंड नहीं है तो मित्र लोग ऐसा कहती है। ये बड़ा गलत समय आ गया, नई पीढ़ी के साथ व्यसन और व्यभिचार जुड़ गया।पढ़ाई लिखाई की उम्र में, उन्नति के समय में ये गंदी बातों, गंदे नशा, व्यभिचार और गंदे आचरण कर बैठ रहे हैं और आजीवन जेल भोगने के लिए जा रहे हैं या मर गए। ये युवा सामाजिक पारिवारिक जिम्मेदारी से बच रहा है। अब संबंध भी विश्वसनीय नहीं है, यह ठीक नहीं है, यह चिंता का विषय है। नए बच्चों का जीवन मजाक होता जा रहा है, माया सब नष्ट कर रही है। इस पर सोचना होगा।