लेकिन जो पता है और सत्य यही है कि जो जन्मा है, उसकी मृत्यु निश्चित है। फिर व्यक्ति क्या करे और हम दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं। एक कथा में अहमदाबाद विमान हादसा (pradeep mishra on ahmedabad plane crash) के माध्यम से यही बताया है पंडित प्रदीप मिश्रा ने, आइये जानते हैं उन्हीं की जुबानी …
कौन जानता था कि आखिरी फ्लाइट (Pandit Pradeep Mishra Ka Pravachan)
महाराष्ट्र के बीड जिले में चाकरबाड़ी में आयोजित शिव पुराण कथा में व्यास पीठ के माध्यम से पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन हादसे और उसमें मारे गए लोगों को लेकर शोक जाताया। शिव पुराण कथा वाचक पंडित मिश्रा ने कहा कि अहमदाबाद से लंदन की ओर जाने वाली फ्लाइट जिसमें सैकड़ों यात्री थे। उन्हें नहीं पता था कि उनका कौन सा पल आखिरी होगा। घर के लोग विदा करने वाले आए होंगे, कोई गले लगाया होगा, कोई किसी और तरह से प्रेम दिखाया होगा। कोई बाय कर विदा किया होगा, कोई जय कृष्णा, कोई हरे राम कोई शिव नाम लेकर विदा किया होगा। लेकिन किसी को नहीं मालूम था कि प्लेन क्रैश हो जाएगा, फ्लाइट आखिरी होगी। इसके कारण एक एक सनातनियों का, भारत भूमि पर रहने वाले व्यक्ति का हृदय बीते दिन की इस घटना को देखकर सुनकर कचोटा होगा।
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पंडित प्रदीप मिश्रा ने चाकरवाड़ी (बीड) में शिव पुराण कथा में व्यास पीठ के माध्यम से संत ज्ञानेश्वर मावली की पवित्र भूमि के माध्यम से कहा कि, आइये आप और हम सब, भगवान शंकर से, संत ज्ञानेस्वर मावली से प्रार्थना करें कि जो भी प्लेन हादसे में अपने प्राणों को छोड़ दिए हैं। हे मेरे शिव उन्हें अपने धाम कैलाश में स्थान दें और उनके परिवार को सांत्वना दें।
साथ ही श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप आप और हम उन लोगों की आत्मा की शांति के लिए करें। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, हर हर महादेव.. पंडित प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव से प्रार्थना की। कहा कि, हे भगवान उन जीवों का कल्याण करें, उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।