नगर पालिका की टीम ने सुबह साढ़े पांच बजे प्रशासनिक अधिकारियों और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अभियान शुरू किया। दुकानों को हटाने के लिए करीब 15 जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया।
बताया जा रहा है कि ये दुकानें पिछले करीब 50 वर्षों से गन्ना समिति कार्यालय के बाहर संचालित हो रही थीं। नगर पालिका ने इन्हें अतिक्रमण की श्रेणी में रखते हुए हटाने का निर्णय लिया था।
विरोध के बावजूद चला अभियान
दुकानदारों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था। व्यापारी संगठनों ने भी उनके समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। दुकानदारों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन निचली अदालत ने नगर पालिका के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद दुकानदारों ने सेशन कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया।
दुकानदारों में निराशा
नगर पालिका की इस कार्रवाई से दुकानदारों में भारी निराशा है। व्यापारियों का कहना है कि वर्षों से उनकी आजीविका इन दुकानों पर निर्भर थी। नगर पालिका ने शासन के निर्देश पर यह कार्रवाई अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत की है।